न्यू वाइफ न्यू हस्बैंड सेक्स कहानी में एक विधवा और एक हमउम्र विधुर को आपस में प्यार हो गया. लेकिन बच्चों और समाज के कारण विधवा शादी करने से कतरा रही थी.
कहानी के तीसरे भाग
बिजनेस मीटिंग से सेक्स मेटिंग तक
में आपने पढ़ा कि एक जवान विधवा ने पति की मौत के बाद उसने अपने आप को संभाल कर रखा था मगर जब एक हम उम्र मर्द से मुलाक़ात हुई तो वह अपनी अन्तर्वासना को काबू नहीं कर पाई और समर्पण कर दिया.
अब आगे न्यू वाइफ न्यू हस्बैंड सेक्स कहानी:
फिर विवेक बोला, “अब मुझे चलना चाहिए!”
काम्या ने उसे होठों पर लंबा किस दिया और बोली, “थैंक्स!”
विवेक ने काम्या को बाहों में भरते हुए कहा, “आज की रात मेरी जिंदगी की सबसे हसीन रातों में से एक है!”
काम्या भी बोली, “मुझे लगा कि जो सेक्स मैंने विजय के साथ किया था, आज उसकी पुनरावृत्ति हुई है! मुझे बहुत अच्छा लगा!”
विवेक ने उससे कहा, “मैं वादा करता हूं कि हम दोनों हमेशा खुश रहेंगे। और जब तुम चाहो, इसे कानूनी नाम दे देंगे! क्या मैं तुम्हें अपनी पत्नी कहकर बुला सकता हूं?”
काम्या मुस्कुराई और सिर्फ इतना बोली, “अभी इंतजार करो! पर हां, आज के दमदार सेक्स के लिए थैंक्स बडी!”
विवेक उसके मुंह से ‘थैंक्स हबी’ सुनना चाहता था।
“काम्या बोली, “कोई जल्दी नहीं! अभी और सोच लें। आज जो कुछ हुआ, ये हमारी जिस्मानी जरूरत थी। एक आग थी, जो शांत हो गई। मैं मानती हूं कि हम दोनों एक होना चाहते हैं। बस इसे एक सेकंड थॉट दे दें, ताकि बाद में पछताना न पड़े। मैं निर्णय लेने में ज्यादा समय नहीं लेती। जल्दी ही बता दूंगी। तुम इस बारे में मुझे टोकना नहीं, प्लीज! तुम भी खूब सोचना। अगर हमारा निर्णय नेगेटिव भी होगा, तो आज जो कुछ हुआ, उसका कम से कम मुझे तो कोई अफसोस नहीं होगा। क्योंकि जो कुछ हुआ, वो हमारी आपसी मर्जी से हुआ। हम दोनों ऐसा होना चाहते थे!”
विवेक ने उसे चूमते हुए कहकर विदा ली, “मैंने अपनी जिंदगी में इतनी सुलझी विचारों वाली शख्सियत नहीं देखी!”
पता नहीं क्यों, विवेक के जाने के बाद काम्या आत्मग्लानि से भर गई।
उसे ये लगा कि आज उसने विजय के साथ धोखा किया है।
अगले दिन सुबह जब विवेक ने उसे फोन किया तो उसका फोन आउट ऑफ रीच आया।
विवेक ने सोचा कि शायद बंद होगा।
पर जब दोपहर तक फोन नहीं उठा तो विवेक होटल भागा।
वहां मालूम पड़ा कि काम्या तो सुबह ही चेकआउट करके इंडिया वापस चली गई है।
शाम को काम्या का खुद फोन आया।
उसने बिना बताए आने के लिए माफी मांगी और फिर कहा, “अभी मैं कुछ भी तय करने और कहने की मानसिक स्थिति में नहीं हूं। मुझे कल का कोई अफसोस नहीं, पर वो केवल वन नाइट स्टैंड था। इससे ज्यादा कुछ नहीं। पर हां, एक अच्छे दोस्तों की तरह हम कभी भी आपस में बात कर सकते हैं, मिल सकते हैं। बस इस टॉपिक पर कोई बात नहीं!”
काम्या की जिंदगी अब कुछ बोझिल हो गई थी।
विवेक दिन में दो बार जरूर बात करता।
सब बातें होतीं, बस एक अधूरापन था।
अनकहे बार-बार एक ही सवाल सामने था।
एक दिन अचानक उसकी बेटी का फोन आया।
“विशाखा बोली, “मम्मी, मैं और मेरा दोस्त स्टीव्स मालदीव्स जा रहे हैं। तुम भी आ जाओ! काम्या ने कहा, “मेरा मन नहीं है!”
विशाखा बोली, “मुझसे या स्टीव्स से मिलने का मन नहीं है, या कोई और बात है?”
काम्या चुप रही।
विशाखा बोली, “आपको एयर टिकट भेज दिया है। ताज एक्सोटिका में आपकी कॉटेज बुक है। और ज़रा सेक्सी ड्रेस लाइयेगा! ब्यूटी पार्लर हो आइयेगा! वहाँ मैंने आपका पैकेज बुक कर दिया है। पूरा दिन लगेगा आपको वहाँ।
काम्या ने कहा, “तेरा दिमाग खराब है क्या?”
विशाखा बोली, “मैं नहीं चाहती कि स्टीव्स को लगे कि मेरी माँ एक टूटी और बूढ़ी औरत है। और हाँ, मैं आपको यहाँ पापा से मिलवाऊँगी, तो पापा को ऐसा न लगे कि उनके जाने के बाद आपने अच्छे कपड़े पहनना छोड़ दिया!”
काम्या कुछ समझी नहीं।
उसे लगा कि विशाखा मज़ाक कर रही है।
वो विशाखा से बहुत प्यार करती थी।
उसकी खातिर उसने स्विमसूट से लेकर फ्रॉक वगैरह, जो उसकी पसंदीदा आउटफिट्स हो सकते थे, मालदीव्स के हिसाब से सब रख लिए।
काफी समय ब्यूटी पार्लर में बिताकर, फ्लाइट पकड़कर काम्या मालदीव्स पहुँच गई।
मोटर बोट से जब वो ताज एक्सोटिका रिसॉर्ट में पहुंची तो उसे विशाखा और स्टीव्स लेने आए।
स्टीव्स बांका गबरू और सौम्य लड़का था।
काम्या को उससे मिलकर बहुत अच्छा लगा।
स्टीव्स उसका बहुत ध्यान रख रहा था।
उसने हँसते हुए कहा, “मॉम, अगर आप मुझे विशाखा से पहले मिली होतीं, तो मैं बजाय विशाखा के आपको प्रपोज करता! यू आर गॉर्जियस!”
काम्या ने हँसते हुए उसे एक धौल लगाया।
विशाखा और स्टीव्स काम्या को लेकर अपने कॉटेज में पहुँचे। काम्या ने अपना पर्स खोलकर उसमें से रोली टीका निकाला और स्टीव्स व विशाखा को टीका लगाया। फिर दोनों को सोने की गिन्नी दी।
विशाखा ने काम्या को लिपटकर कहा, “मम्मी, हम चाहते हैं कि अब तुम भी हमारे पापा से शादी कर लो!”
काम्या कुछ समझी नहीं।
उसने कहा, “पागल हो गई है क्या?”
विशाखा हँसते हुए बोली, “हम दोनों ने एक पापा पसंद किए हैं तुम्हारे लिए! उन्होंने तो हाँ कह दी है, अब बस तुम हाँ कह दो!”
काम्या सीरियस हो गई।
वो कुछ सोचते हुए बोली, “बेटा, अब इसके लिए तो देर हो चुकी। मुझे कोई पसंद आ गया है। बस मैं तय नहीं कर पा रही हूँ कि क्या करूँ।”
स्टीव्स ने काम्या के गले में हाथ डालकर कहा, “एक बार आप हमारी पसंद से मिल लो। अगर आपको पसंद नहीं आए, तो फिर हम आपकी पसंद से मिलेंगे!”
काम्या ने साफ मना कर दिया और विशाखा से बोली, “विजय के जाने के बाद मैंने इस ओर सोचना बंद कर दिया था। पर अभी पिछले कुछ दिनों में कुछ ऐसा हुआ है कि मैं असमंजस में हूँ। अगर वो नहीं, तो फिर अब इस जिंदगी में और कोई भी नहीं!”
विशाखा हँसते हुए बोली, “इसका मतलब आपको उनसे इश्क हो गया है!”
काम्या बोली, “इश्क-विश्क कुछ नहीं, बस मन मिल गया है। मुझे वो पसंद है। विवेक सिंह नाम है उसका!”
स्टीव्स ने उसका हाथ पकड़ा और कहा, “चलो, आप अपने कॉटेज में जाओ। शाम को मिलेंगे, तब बात करेंगे। आपका सामान आपके कॉटेज में पहुँच चुका है। पर हमें आपके निर्णय का इंतज़ार रहेगा। हमारे वाले पापा यहीं रिसॉर्ट में हैं। आप जब कहेंगी, उन्हें आपसे मिलवा देंगे!”
काम्या ने आँखों में आँसू भरकर कहा, “ये क्या बचपना कर रहे हो तुम दोनों? उन्हें मना कर दो! अब अगर विवेक नहीं, तो फिर और कोई भी नहीं!”
काम्या भारी मन से अपने कॉटेज में आई।
विशाखा और स्टीव्स उसे बाहर छोड़कर वापस चले गए, यह कहकर कि रात को डिनर पर मिलेंगे।
काम्या अपने कॉटेज में घुसी और निढाल-सी बेड पर पड़ गई।
इतना खूबसूरत समा था, पर काम्या बहुत बेचैन थी।
उसने मोबाइल निकाला और विवेक का नंबर डायल किया।
विवेक ने फोन उठाया।
काम्या ने बस इतना ही कहा, “मैं तैयार हूँ! तुम मालदीव्स आ जाओ, ताज एक्सोटिका में!”
विवेक बोला, “अभी आता हूँ!”
तभी बाहर समुद्र की ओर का डोर खुला और हँसता हुआ विवेक अंदर आया।
काम्या हतप्रभ रह गई और लिपट गई विवेक से।
दोनों ऐसे चूम रहे थे एक-दूसरे को, जैसे बरसों के बिछड़े आशिक हों।
काम्या ने अपने को संभाला और पूछा, “ये सब क्या है?”
तभी मेन डोर खोलकर विशाखा और स्टीव्स अंदर आए।
दोनों ने उन्हें चूमते हुए बधाई दी और बताया, “जिस दिन आप दुबई से वापस आई थीं, उसी रात को विवेक अंकल ने मुझे फोन करके सारी बात बताई थी। वो आपसे बहुत प्यार करने लगे हैं। हमने उनकी प्रोफाइल चेक की, तो पाया कि वो एक कामयाब बिजनेसमैन और सरल आदमी हैं। बस, मैंने और स्टीव्स ने आप दोनों को मिलाने के लिए ये प्लान बनाया। अब आप दोनों एन्जॉय कीजिए, रात को डिनर पर मिलते हैं!”
कहकर विशाखा और स्टीव्स चले गए।
विवेक उन्हें डोर तक छोड़ने गया और डोर लॉक करके वापस आया।
काम्या उसे लिपट गई।
काम्या ने कसमसाते हुए कहा, “अब मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती! हमें एक होना ही है!”
विवेक ने उसे चूमते हुए कहा, “तुम सफ़र से थक गई होगी। आओ, बाहर प्राइवेट पूल में बियर पीते हुए समुद्र का मज़ा लेंगे!”
काम्या बोली, “नहीं, तुम मुझे अलग मत हो! मुझे तुमसे लिपटकर ही रहना है!”
विवेक ने हँसते हुए कहा, “तो बाहर भी लिपटने को कौन मना करता है?”
न्यू वाइफ न्यू हस्बैंड … दोनों बाहर आए।
बाहर खुला समुद्र था, पर उनका निजी पूल भी था।
चारों ओर से ढकी हुई थी कॉटेज।
विवेक ने अपने और काम्या के कपड़े उतारे और बाहर पूल में उतर गए।
पूल साइड में ही बियर रखी थी।
काम्या पूल में उतरकर विवेक से चूमाचाटी करती रही।
उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि वो सपना तो नहीं देख रही।
विवेक पूल की सीढ़ियों पर बाहें फैलाए अधलेटा हो गया।
काम्या उसके आगोश में आगे चिपकी हुई बैठी थी।
वो बार-बार विवेक का सिर नीचे करके उसे चूम लेती।
विवेक अपने हाथों से काम्या के मम्मे सहलाते हुए उसके निप्पल्स को हल्के-हल्के दबा रहा था।
काम्या ने भी हाथ नीचे करके उसका लंड पकड़ रखा था।
काम्या चुदासी हो रही थी।
वो छोटे-से पूल में डाइव लगाकर तैरती रही।
उसका कसा हुआ जिस्म पानी में चमक रहा था।
विवेक भी पानी में उतर गया।
उसने नीचे से आकर काम्या को हाथों में उठा लिया।
दोनों के होठ मिल गए।
विवेक ने काम्या से कहा, “चलो, बेड पर चलते हैं!”
काम्या तो तैयार बैठी थी।
दोनों ने पूल से बाहर आकर शावर लिया और बदन पोंछकर ऐसे नंगे ही बेड पर आ गए।
बाहर मौसम गर्म था, पर रूम एसी से ठंडा था, तो दोनों बेड शीट के अंदर आपस में लिपट गए।
जब उनके बीच पहली बार सेक्स हुआ था तो वे केवल मित्र थे।
जो सेक्स हुआ, वो धधकती कामाग्नि को बुझाना था।
वो केवल एक जिस्मानी माँग थी।
उसमें कोई भावनाएँ नहीं थीं।
पर आज जो उनके बीच होने जा रहा था, उसमें दोनों का एक-दूसरे के प्रति प्रेम और समर्पण था।
अब वो एक पवित्र बंधन में, जिसको सामाजिक स्वीकृति भी मिलेगी, बंधने जा रहे थे।
विवेक ने काम्या को अपने से कसके भींच लिया।
काम्या उससे लिपटे हुए अपने को पूरी तरह समर्पित किए हुए बहुत सुरक्षित महसूस कर रही थी।
काम्या अपनी उंगलियाँ विवेक की बलिष्ठ छाती पर घुमा रही थी।
विवेक की उंगलियाँ उनकी गीली चूत की फाँकों को हल्के-हल्के मसल रही थीं।
विवेक ने अपना सिर नीचे किया और उसके निप्पल्स मुँह में ले लिए।
वो उन्हें हल्के-हल्के अपने दाँतों और जीभ से चुभला रहा था।
जब काम्या से ये सब बर्दाश्त नहीं हुआ, तो वो शीट के नीचे होती गई और विवेक का मजबूत तना हुआ लंड अपने मुँह में ले लिया।
विवेक की जल्दी ही आहें निकलने लगीं।
उसे अपनी को छुड़ाना भारी हो रहा था।
काम्या की चूत में भी चींटियाँ रेंग रही थीं।
तो वो पलटी और विवेक के ऊपर आ गई।
उसने अपनी टाँगों को फैलाते हुए अपनी चूत विवेक के मुँह पर कर दी और खुद उसका लंड लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
विवेक ने भी उसकी फाँकों को चौड़ाया और अपनी जीभ अंदर घुसेड़ दी।
आज काम्या की चूत पर हल्के-हल्के बाल थे।
शायद दुबई से आने के बाद उसने साफ किए ही नहीं थे।
पर आज के मर्दों को चूत पर बाल और लड़कियों को लड़कों की दाढ़ी के बाल अच्छे लगते हैं।
खैर, अब दोनों और आग भड़क चुकी थी।
काम्या पलटी और जो कसर पहले रह गई थी, आज पूरी करते हुए विवेक के ऊपर बैठ गई और उसका लंड अपने हाथों से अपनी चूत में कर लिया।
अब जब लंड ने पूरी गहराई नाप ली तो काम्या लगी उछलने।
नीचे से विवेक भी उसका साथ दे रहा था।
काम्या के उछलने से उसके मम्मे भी उछल-कूद कर रहे थे।
उसके खुले बाल लहरा रहे थे।
विवेक ने उसके मम्मे लपक लिए और लगा मसलने।
काम्या ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी।
उसके नाखून विवेक की छाती पर गड़ रहे थे।
वो बार-बार झुककर विवेक को चूम लेती।
अब विवेक का लंड किला फतह करने को आमादा था।
विवेक ने काम्या को जबरदस्ती नीचे पलटा और उसकी टाँगें पूरी चौड़ाते हुए उसकी चूत पर थोड़ा-सा थूका और अपना लंड पेल दिया गुफा में।
वो जोरदार धक्के लगा रहा था।
काम्या आज उसके सामने हल्की पड़ रही थी।
या तो ये समर्पण था या मर्द और औरत जात का फर्क।
काम्या ने अपनी टाँगों का घेरा विवेक की कमर के चारों ओर बना रखा था।
अब विवेक और काम्या दोनों का ही लगभग होने को था।
दोनों हाँफ रहे थे।
विवेक ने आखिरी धक्के बढ़ाते हुए सारा माल काम्या की चूत में निकाल दिया और निढाल होकर एक ओर लेट गया।
काम्या ने गर्दन घुमाकर उसे चूम लिया और बोली, “थैंक्स, हबी डार्लिंग!!!”
दोस्तो, कैसी लगी मेरी न्यू वाइफ न्यू हस्बैंड सेक्स कहानी?
लिखिएगा मुझे मेरी मेल आईडी पर.
enjoysunny6969@gmail.com