न्यू Land Ki Chudai का मजा लिया एक जवान विधवा ने. पति की मौत के बाद उसने अपने आप को संभाल कर रखा था मगर जब एक हम उम्र मर्द से मुलाक़ात हुई तो …
कहानी के दूसरे भाग
सेक्सी मस्ती के बाद दुखों का पहाड़
में आपने पढ़ा कि हँसी खुशी मस्त सेक्स भरा जीवन बिताते बिताते काम्या को एक दिन बहुत बुरी खबर मिली. उसका पति आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गया था.
अब आगे न्यू Land Ki Chudai का मजा:
एक दिन काम्या के पास किसी कंपनी का एकाउंट्स हेड आया।
उनकी कंपनी को अपना व्यापार बढ़ाने के लिए बैंक से काफी बड़ा लोन लेना था।
कंपनी के सीईओ विवेक सिंह 15 दिन दुबई रहते थे और 15 दिन इंडिया।
लोन बड़ा था।
तो काम्या ने उनकी फाइल पर काम शुरू किया।
उसे कुछ बारीकियां समझनी थीं जो एकाउंट्स हेड नहीं बता पा रहा था।
“काम्या ने नाराज होकर उसकी फाइल लौटा दी और कहा, “जब तुम्हारी कंपनी मुझे ये सब समझाने लायक किसी आदमी को नहीं भेजती, मैं उनका केस नहीं लूंगी!”
यह बात कंपनी के सीईओ विवेक सिंह को मालूम पड़ी तो उन्हें बड़ा गुस्सा आया।
“विवेक ने सोचा, “हमारी कंपनी के पीछे तो ऐसे कंसलटेंट दुम दबाकर चलते हैं, और किसी काम्या सिंह ने हमारी फाइल लौटा दी!”
उसने बड़ी नाराजगी में काम्या को फोन किया।
काम्या ने बड़े सहजता से और नफासत से विवेक को बता दिया, “मैं आधी-अधूरी सूचनाओं पर प्रोजेक्ट नहीं बनाऊंगी! लोन पास नहीं होगा और बदनामी मेरी कंपनी की होगी!”
“विवेक ने गुस्से में कह दिया, “बैंक तो हमें घर पर आकर लोन देंगे!”
विवेक ने एड़ी-चोटी का जोर लगा लिया पर उनकी लोन एप्लीकेशन कहीं फाइल ही नहीं हो पाई, लोन मिलना तो दूर की बात।
अब विवेक सिंह ने थक-हारकर काम्या को दोबारा संपर्क किया।
“काम्या ने अपनी पुरानी मुस्कुराहट के साथ उनका फोन अटेंड किया और कहा, “मिस्टर सिंह, अब आप पहले मुझसे मिलें, तब ही मैं कोई बात करूंगी!”
विवेक सिंह अगले हफ्ते ही काम्या से मिलने आ गया।
विवेक एक आकर्षक व्यक्तित्व और कसे जिस्म का स्वामी था।
उसको देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वो 50 पार कर चुका है।
काम्या के ऑफिस में जब विवेक पहुंचा, तो वो ये सोचकर गया था कि उसकी मुलाकात किसी बुजुर्ग खूसट महिला से होगी।
जब वो काम्या के केबिन में घुसा तो ठगा-सा रह गया।
उसके सामने बेहद शालीन और खूबसूरत महिला बैठी थी।
काम्या ने हाथ आगे बढ़ाकर उससे हाथ मिलाया और बैठने को कहा।
बातचीत के दौरान विवेक ने सिर्फ इतना ही कहा, “आने से पहले मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरे प्रोजेक्ट को आप हैंडल कर पाएंगी! पर आपसे मिलकर मैं निश्चिंत हूं कि अब मेरा प्रोजेक्ट थ्रू जाएगा! आपकी जो भी क्वेरीज हैं, वो मैं अपने सीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट को कह देता हूं। वो आपसे बात करके एक-दो दिन में पूरी करवा देंगे!”
विवेक ने विदा लेते समय काम्या के व्यक्तित्व की तारीफ करते हुए उसे रात के डिनर पर आमंत्रित किया।
वैसे तो काम्या ऐसे कहीं जाती नहीं थी पर वो भी विवेक के व्यक्तित्व से प्रभावित थी और उसे विवेक से अच्छे बिजनेस की उम्मीद थी।
तो काम्या ने डिनर पर आना स्वीकार कर लिया।
विवेक ने शहर के मशहूर पांच सितारा होटल में काम्या को डिनर दिया।
और उसने काम्या को एक बहुत सुंदर नेकलेस, जो वो दुबई से किसी और के लिए लाया था, गिफ्ट किया।
विवेक ने काम्या को ड्रिंक ऑफर की, तो काम्या ने कहा, “बहुत माइल्ड ड्रिंक बनाना!”
बातों ही बातों में विवेक ने काम्या को अपने बारे में बताया, “मेरी पत्नी का आज से पांच वर्ष पूर्व एक दुर्घटना में देहांत हो गया। हमारा एक ही लड़का है, जो ऑस्ट्रेलिया में रहता है। उसने वहीं किसी लड़की से शादी कर ली। मेरी उम्र करीब 52 साल की है, और मैं अपनी पत्नी से बेहद प्यार करता था। अब मैं बिल्कुल अकेला हूं!”
उसकी कहानी सुनकर काम्या को उससे हमदर्दी हुई।
फिर विवेक के पूछने पर उसने अपना दर्द भी विवेक को कह दिया।
मात्र एक ही मुलाकात में दोनों को लगने लगा कि उनकी जिंदगी में एक जैसे ही दुखों के पहाड़ टूटे हैं।
काम्या ने हंसकर कहा, “आपको देखकर नहीं लगता कि आप अंदर से इतना टूटे हैं!”
विवेक मुस्कुराया और बोला, “मैं भी ये सोचकर आपके ऑफिस में आया था कि मेरी मुलाकात किसी जिद्दी महिला से होगी! पर आप तो बेहद सुलझी हुई और आकर्षक व्यक्तित्व की महिला हैं!”
विवेक तो अगले दिन वापस चला गया पर उसकी रोज ही बात काम्या से होने लगी।
अपने प्रोजेक्ट के लिए विवेक महीने भर के अंदर ही दो-तीन बार काम्या के पास आया।
काम्या की काबिलियत के कारण उसका प्रोजेक्ट बैंक से पास हो गया।
विवेक बहुत खुश था।
उसने काम्या की फीस, जितनी उसने मांगी थी, दी।
अबकी बार काम्या ने उसे अपने घर डिनर पर बुलाया।
घर की साज-सजावट से काम्या की रुचि झलकती थी।
खाना खुद काम्या ने बनाया था, जिसकी विवेक ने बहुत तारीफ की।
डिनर के बाद दोनों देर रात तक ड्रिंक्स लेते रहे और बातों के माध्यम से एक-दूसरे को नजदीक से जानने लगे।
सच तो ये था कि दोनों ही एक-दूसरे के आकर्षण में बंधे जा रहे थे।
काम्या को भी बहुत दिनों बाद ऐसा हमदर्द मिला था जो उसके दर्द को समझ सकता था।
“चलते समय विवेक ने काम्या से कहा, “मैं बिना किसी शर्त के तुम्हारा दोस्त बनना चाहता हूं!”
कहकर उसने हाथ आगे बढ़ाया।
काम्या ने मुस्कुराते हुए उससे हाथ मिलाया और गले लगी।
“काम्या ने शरारती अंदाज में कह ही दिया, “मैं फौजी परिवार से हूं, मुझसे फ्लर्ट नहीं करना!”
विवेक थोड़ा गंभीर हुआ और उसने काम्या का हाथ थामते हुए कहा, “काम्या जी, अगर अपने दुख को बांटने और एक अच्छे दोस्त के साथ मुस्कुराने को आप फ्लर्ट कहती हैं, तो मैं यही कर रहा हूं!”
विवेक ने चलते-चलते काम्या को दुबई आने का निमंत्रण दिया।
काम्या ने टाल दिया, “मैं तो कहीं ज्यादा आती-जाती नहीं। बेटी ही बार-बार बुला रही है, उसके पास नहीं जा पाती!”
विवेक जब भी फोन करता, हमेशा उसे दुबई आने को कहता।
अब उनकी आपस में खूब पटने लगी।
काम्या को भी लगने लगा कि विवेक के रूप में उसे एक अच्छा दोस्त मिल गया है।
विवेक जब अबकी बार आया, तो उसने काम्या को मना ही लिया कि वो अगले महीने होने वाले दुबई फेयर में आएगी।
काम्या के मना करने के बावजूद भी विवेक ने उसकी आने-जाने की फ्लाइट बुक कर दी और रहने का इंतजाम एक बहुत महंगे होटल में किया।
विजय के जाने के बाद पहली बार काम्या सिर्फ घूमने बाहर जा रही थी।
तो अपने को काफी समय देते हुए खुद को संवारने को वह ब्यूटी पार्लर गई।
उसने कुछ नई ड्रेस भी लीं।
काम्या वैसे भी खूबसूरती की मिसाल थी।
पर अब बॉडी और हेयर स्टाइल टोंड हुए, तो उसका व्यक्तित्व खिल उठा।
काम्या जब दुबई एयरपोर्ट पर उतरी तो उसका हुलिया बिल्कुल बदला हुआ था।
किसी पाश्चात्य देश की कमसिन लड़की जैसी लग रही थी।
विवेक ने उसे देखते ही कमेंट किया, जिससे काम्या के गाल लाल हो गए!
विवेक ने उसे घुमाने में पूरा समय दिया, अच्छे से शॉपिंग कराई।
उसके साथ घूमने में काम्या उसके और नजदीक आ गई।
दोनों परिपक्व थे, पर अब उनके दिल में एक-दूसरे के लिए कुछ खुसपुसाहट होने लगी।
जाने से दो दिन पहले काम्या ने डिनर पर विवेक को अपने होटल में बुलाया।
डिनर उसने अपने रूम में ही मंगा लिया था।
विवेक जब रूम में आया तो बहुत हैंडसम लग रहा था।
काम्या भी हाई हील के साथ ब्लैक कलर की एक बैकलेस पाश्चात्य ड्रेस पहने हुए थी।
बहुत सुंदर लग रही थी वो आज!
काम्या ने विवेक से पूछा, “ड्रिंक लोगे?”
उसने दो पेग बना लिए।
अपने लिए हमेशा की तरह माइल्ड।
आज रात गहरी होनी थी।
जल्दी थी नहीं।
विवेक ने ड्रिंक लेते समय अपने मोबाइल से हल्का-सा डांस म्यूजिक लगा दिया और काम्या को डांस में साथ देने के लिए हाथ बढ़ाया।
काम्या ने नफासत से विवेक का हाथ थामा और उसके कंधे पर हाथ रखकर थिरकने लगी।
विवेक का एक हाथ काम्या की पीठ पर गया, तो उसे भी ऐसा लगा मानो करंट लग गया हो।
विवेक का हाथ काम्या की चिकनी पीठ पर लगा, तो फिसल गया।
उसने सॉरी कहते हुए अपना हाथ काम्या के कंधों पर रखना चाहा।
“काम्या ने मुस्कुराकर उसे अपनी कमर पर ही हाथ रखने को कहा, “अब हम लोग मैच्योर हैं!”
दोनों मुस्कुरा दिए।
विजय को अपोजिट सेक्स वाली फील आ रही थी।
काम्या का गोरा बदन और उससे आ रही मादक खुशबू विवेक को मदहोश कर रही थी।
विवेक ने सोचा भी नहीं था कि उम्र के इस पड़ाव पर इतनी खूबसूरत और गरिमामयी महिला उसकी बाहों में होगी।
डांस करते-करते दोनों जिस्म अब काफी नजदीक आ गए थे।
विवेक ने एक बार काम्या को चूम लिया।
काम्या कुछ बोली तो नहीं, पर प्रश्नवाचक निगाहों से विवेक को देखा।
विवेक ने उसके दोनों हाथ थामे और उसकी आंखों में आंखें डालकर धीरे से बोला, “क्या हम जिंदगी के साथी बन सकते हैं?”
काम्या ने उससे हाथ छुड़ा लिया।
वो सोफे पर जा बैठी और एक घूंट में ही अपना पेग खत्म कर दिया।
विवेक उसके नजदीक आया और नीचे झुककर बोला, “मुझे गलत मत समझना! पर सोचो, क्या हमें किसी स्थायी सहारे की जरूरत नहीं है?”
तभी डोर बेल बज गई।
शायद डिनर आ गया था।
डिनर लेते समय दोनों चुप थे।
डिनर के बाद विवेक बोला, “मैं चलता हूं!”
“काम्या ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोली, “मुझे सोचने का समय दो!”
विवेक ने मुस्कुराते हुए उसकी ओर देखा और बाहें फैला दीं।
काम्या उसके आगोश में समा गई और बोली, “उम्र के इस पड़ाव पर अब अपने लिए सोचूं या बच्चों के लिए?”
“विवेक ने फिर उससे पूछा, “क्या बच्चे हमारे बारे में सोच रहे हैं या उनके पास हमारे लिए समय है?”
काम्या चुप रही।
वो विवेक को छोड़ भी नहीं रही थी।
विवेक ने जाना चाहा, तो काम्या उससे कसके लिपट गई।
ये तूफान जब थोड़ा शांत हुआ, तो काम्या ने उससे पूछा, “जमाना क्या कहेगा? और अगर हमारा जुड़ाव कामयाब नहीं हुआ, तो?”
विवेक बोला, “जमाने की मुझे परवाह नहीं! हमें कोई शादी का सर्टिफिकेट तो चाहिए नहीं। हम साथ रहेंगे, बस इतना ही! और कुछ दिन साथ रहने के बाद लगे कि हमें इस रिश्ते को कोई नाम देना है, तो हम कोर्ट मैरिज कर लेंगे!”
कहकर विवेक ने उसके माथे पर चूमा।
पर काम्या ने उसे और नजदीक लाते हुए होठों पर चूम लिया।
अब तो जो दीवार थी, वो ढह गई।
दोनों एक-दूसरे से लिपटकर पागलों की तरह चूम रहे थे। दोनों को ही ऐसा लग रहा था कि बरसों की अधूरी प्यास आज पूरी होने को है।
विवेक समझदार था।
वो काम्या को और समय देना चाहता था सोचने के लिए।
उसने काम्या को पुचकारते हुए कहा, “अभी मैं चलता हूं। तुम खूब सोचो। कुछ बात आगे नहीं बढ़ी, तो क्या हुआ, हम अच्छे दोस्त तो रहेंगे ही!”
काम्या ने उसका हाथ पकड़कर कहा, “अभी मत जाओ! मैं अब सो तो पाऊंगी नहीं, तो अच्छा है कि तुम पास रहो!”
दोनों वापस सोफे पर आकर बैठ गए।
विवेक ने अपने लिए पेग बनाया।
काम्या विवेक से सटकर बैठ गई।
उसने विवेक की बाहों में अपने को समा लिया था।
विवेक ने उसके होठों से पेग लगाया, तो उसने हल्का-सा सिप लेते हुए कहा, “आज तो मैं वैसे ही बहक रही हूं, और मत बहकाओ!”
काम्या को आज विवेक की नजदीकी में बड़ा सुकून मिल रहा था।
उसने अपना मोबाइल निकाला और अपनी बेटी को फोन किया।
वहां तो दिन था।
विशाखा ने हड़बड़ी में फोन उठाया और पूछा, “मम्मी, सब खैरियत तो?”
काम्या ने बेटी से कहा, “मेरा मन नहीं लगता, अब तुम वापस आ जाओ!”
विशाखा बोली, “मम्मी, तुम क्यों नहीं मान लेतीं कि अब मैं वापस नहीं आऊंगी! हां, तुम यहां आ सकती हो। मैं तुम्हें एक अलग अपार्टमेंट दिलवा दूंगी!”
काम्या ने फोन काट दिया।
विवेक ने अपने बेटे को फोन किया और कहा, “अगर तुम वापस आ जाओ, तो मैं तुम्हें एक बड़ा अपार्टमेंट दिलवा दूंगा अलग रहने के लिए। कारोबार तो बड़ा है ही!”
बेटे ने भी बात घुमा फिरा कर साफ मना कर दिया।
काम्या और विवेक एक-दूसरे की ओर देखते रहे।
काम्या चुपचाप आगे बढ़ी और विवेक का हाथ थामकर उसके गले लग गई और बोली, “अब हम एक-दूसरे का सहारा बनेंगे!”
विवेक ने काम्या को कसके भींच लिया।
दोनों एक-दूसरे की बाहों में लिपट गए।
काम्या ने विवेक को बताया, “मेरे पति विजय को सेक्स का बहुत शौक था। हम दोनों ने अपनी ये जिस्मानी आग कभी ठंडी नहीं होने दी!”
विवेक ने भी स्वीकार किया, “मैं और मेरी पत्नी आपस में बहुत प्यार करते थे। हमारे बीच आखिरी तक गर्मागर्म सेक्स रहा!”
विवेक ने काम्या के गाल सहलाते हुए कहा, “हम दोनों एक-दूसरे के पार्टनर्स की जगह तो नहीं ले सकते, पर हां, अपनी जिस्मानी और सामाजिक जरूरतें पूरी कर सकते हैं!”
काम्या ने फुसफुसाकर कहा, “मुझे लगता है कि हमें यह रात खराब नहीं करनी चाहिए!”
विवेक मुस्कुरा दिया।
उसने काम्या को गोद में उठा लिया और चूमते हुए बेड की ओर ले चला।
थोड़ी ही देर में दोनों बेड पर कम्बल के अंदर थे।
दोनों के कपड़े उतर चुके थे और दो धधकते जिस्म एक होने को चिपटे पड़े थे।
काम्या ने महसूस किया कि उम्र तो सिर्फ एक नंबर है।
विवेक का शारीरिक कसाव और उसके बदन से निकलती आग किसी जवान मर्द से कम नहीं थी।
और कमोबेश यही हाल विवेक का था।
उसे लग ही नहीं रहा था कि उसके आगोश में कोई ढली उम्र की महिला है।
काम्या ने अपने जिस्म को सांचे में तराश रखा था।
योगा और कसरत की बदौलत उसका जिस्म किसी कामदेवी से कमतर नहीं था।
दोनों के बीच वो जवानी वाला जोश तो नहीं था पर सेक्स की भूख दोनों को थी।
विवेक काम्या के मम्मे सहला रहा था।
काम्या के निप्पल्स बिल्कुल कड़े थे।
विवेक ने उन्हें चूम लिया।
विवेक का लंड पूरा तना हुआ काम्या के हाथ में मचल रहा था।
काम्या को अपनी सुहागरात याद आ गई।
उसने विवेक को नीचे धकेला।
विवेक उसका इशारा समझ गया; उसकी तो मानो लॉटरी लग गई।
उसे चूत चूसने का बहुत शौक था। उसकी बीवी अपनी चूत हमेशा चिकनी रखती थी।
काम्या की चूत की पंखुड़ियों पर हाथ लगाते ही विवेक को सुखद एहसास हुआ।
काम्या की चूत बिल्कुल चिकनी थी और गीली थी।
उसने अपनी उंगली से चूत की फांकों को रगड़ा।
काम्या कसमसा गई और बोली, “चूसो इसे!”
विवेक नीचे हो गया और अपना सिर काम्या की टांगों के बीच करने लगा।
काम्या ने ब्लैंकेट को धक्का दिया और अपनी टांगें चौड़ा दीं।
काम्या का जिस्म पूरा चिकना था।
विवेक तो उसके निप्पल्स का दीवाना हो चुका था।
चूत चूसते-चूसते उसने अपने एक हाथ से उसके निप्पल्स मसलने की नाकाम कोशिश की।
काम्या ने अपने हाथों से अपनी फांकें और चौड़ा दीं, जिससे विवेक की जीभ अंदर तक जा सके।
अब काम्या मछली की तरह मचलने लगी। उसकी चूत में आग लग चुकी थी। लंड की प्यास उसकी भड़क चुकी थी।
विवेक का लंड भी अब चूत में घुसने को बेकरार था।
विवेक बैठा, अपना औजार संभालते हुए।
तभी काम्या बैठ गई और झुककर विवेक का लंड चूसने लगी। उसने लंड पर ढेर सारा थूक लगा दिया।
न्यू Land Ki Chudai का मजा लहे के लिए काम्या बेड से उठी और झटपट वही पास रखी टेबल से अपनी फेस क्रीम ले आई और अपनी चूत की फांकों पर लगा ली।
विवेक ये देखकर मुस्कुराया तो काम्या बोली, “अब वो जवानी वाली चिकनाहट नहीं है। परेशानी न हो, इसलिए लगा ली!”
विवेक ने अपना लंड उसकी चूत में घुसाते हुए कहा, “नहीं, ऐसा नहीं है! मुझे तो लगता है कि मेरा लंड तुम्हारी चूत की आग में झुलस जाएगा आज!”
कहकर विवेक ने पूरा लंड पेल दिया काम्या की चूत में!
काम्या की चूत पूरी खुली हुई थी तो उसे कोई खास तकलीफ नहीं हुई लंड लेने में।
पर नया लंड था और इतने सालों के अंतराल के बाद चूत को लंड मिला था तो काम्या की आह निकल गई।
उसने विवेक से कहा, “धीरे-धीरे शुरू करो!”
फिर जल्दी ही दोनों की स्पीड बढ़ गई।
अब विवेक भी जोर-जोर से धक्के लगा रहा था और काम्या भी नीचे से उछलकर उसका साथ दे रही थी।
विवेक ने अपने हाथ काम्या के मम्मों पर ही रखे हुए थे।
काम्या ने विवेक से कहा, “मैं ऊपर आना चाहती हूं!”
विवेक बोला, “अभी नहीं! अभी मुझे मत रोको!”
विवेक की स्पीड बनी हुई थी।
उसको लगा कि उसका होने को है।
उसने काम्या से पूछा, “कहां निकालूं?”
काम्या ने हांफते हुए कहा, “अंदर ही निकालो!”
असल में काम्या ने विजय के सामने ही अपना ऑपरेशन करवा लिया था ताकि उन्हें सेक्स में कोई डर न रहे।
विवेक ने आखिरी दम लगाते हुए भरभराते हुए अपना सारा माल काम्या की चूत में निकाल दिया और उसके बगल में ही लुढ़क लिया।
काम्या ने झपटकर पास रखा तौलिया उठाकर अपनी चूत से बाहर निकलते वीर्य को पोंछा।
वह नहीं चाहती थी कि बेड शीट पर कोई निशान पड़ें।
दोनों काफी देर इसी तरह पड़े रहे।
न्यू Land Ki Chudai कहानी पर आपके विचार आमंत्रित हैं.
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