Sex ka Akhada - 2

Views: 56 Category: Bhabhi Sex Story By enjoysunny6969 Published: August 25, 2025

Xxx हॉट भाभी चुदाई कहानी में एक लड़की का शौहर नामर्द निकला तो उसके जिस्म में लंड की आग लगी रहती थी. उसने अपने देवर के लंड से अपनी अन्तर्वासना का समाधान किया.

कहानी का पहला भाग
चूत चुदाई में उलझे रिश्ते

आसमा बोली- आइये भाई जान! हमारी तड़प बहुत दिनों बाद दिखाई दी आपको. हम तो पहले दिन ही तय कर लिए थे कि हमें आपसे चुदना है.

शम्मी ने झपट कर आसमा को लपेट लिया और ताबड़ तोड़ चुम्बनों की बौछार कर दी.

अब आगे Xxx हॉट भाभी चुदाई कहानी:

दोनों के नाममात्र के कपड़े उतर गए और दोनों मादरजात नंगे बेड पर लिपटा लिपटी करने लगे.

आज बेसब्री थी. आसमा को यकीन नहीं आ रहा था कि आज उसकी चूत में इतना मोटा मूसल जैसा लंड जाएगा.
वो तो खीरा, केला को ही अपनी नियति मान बैठी थी.

शम्मी तो उसके मांसल मम्मों पर पिला हुआ था.

आसमा ने उसका सर नीचे किया और अपनी टांगें खोल दीं.
बिल्कुल चिकनी मखमली चूत थी उसकी.

शम्मी ने अपना सर घुसा दिया उसकी टांगों के बीच और जीभ पूरी गहराई तक उतार दी.

आसमा नागिन की तरह मचल रही थी.
वो शम्मी का लंड मसलना चाह रही थी.

दोनों 69 हो गए.
शम्मी बाहर कितनी ही बार मुंह मार चुका था पर घर का माल घर का ही होता भाई.

आसमा चुद तो रंडी की तरह रही थी पर पेशेवर थोड़े ही थी.
आसमा ने अपने को छुड़ाया और चढ़ गयी शम्मी के ऊपर और उसका लंड अपनी चूत में करने की नाकाम कोशिश की.

शम्मी का लंड खासा मोटा था और आसमा की चूत अनछुई.
आसमा ने भी ये सब पोर्न में ही देखा था.

शम्मी से अब बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने आसमा को नीचे पलटा और उसकी टांगें फैलाकर अपना मूसल पेल दिया एक ही झटके से आसमा की चूत में!

आसमा की चीख निकली तो शम्मी ने अपने होठ उसके होठों से भिड़ा दिए.
अब तो जो दोनों की चुदाई एक्सप्रेस चालू हुई तो सारे छोटे मोटे स्टेशन छोड़ती हुई फुल स्पीड से दौड़ गयी.

शम्मी चोदते चोदते थक चुका था.
पर न तो वो रुक रहा था न आसमा.

दोनों के पसीने निकल रहे थे और मुंह से झाग.

आसमा के गोरे गोरे मक्खन जैसे मम्मे शम्मी ने मसल कर लाल कर दिए थे.

आसमा का स्खलन हो चुका था पर उसकी आग अभी भी भड़की हुई थी.

पूरे कमरे में आह उह की आवाज आ रही थी.

अचानक शम्मी को लगा कि उसका होने वाला है.
उसने आसमा से पूछा की कहाँ निकालूं?
आसमा ने उसे धक्का दे दिया और शम्मी के वीर्य का फुव्वारा आसमा के पेट और चेहरे पर जा पड़ा.

शम्मी जवान पठान था. उसका इतना माल निकला जैसे कोई चमचा भर मलाई निकली हो.

आसमा ने उसे चूमते हुए कहा- आज आपने मुझे औरत बना दिया पर अब मुझे मेरा ये हक हर रात को चाहिये.

अब तो ये घर चुदाई का अखाड़ा बन गया.

सबको एक दूसरे की सच्चाई मालूम थी, कोई किसी से कुछ पूछ नहीं रहा था.

सुल्ताना जो भरी जवानी में विधवा हो गयी थी, शेर मोहम्मद से खूब चुदती.
हिना से वो आँख नहीं मिलाती थी.

पर दोनों को मालूम था कि पेट की आग मिटाने के लिए सुल्ताना को ये सब झेलना ही पड़ेगा.

वो तो शुकर मनाओ कि शम्मी की सेटिंग आसमा से हो गयी वरना वो हिना की कुंवारी अनछुई चूत का भोसड़ा बना देता.

अब आसमा भी खुश रहने लगी.

पर हिना … उसकी तो बेचैनी बढ़ती जा रही थी.
उसकी चूत में खुजली होती तो वो उंगली से ही मिटाती.

उसका एक ख्वाब था कि चूत की सील तो वो अपने शौहर से ही खुलवाएगी.

आसमा और शम्मी की चुदाई अब खुलेआम होती.
हिना और सुल्ताना को तो सब मालूम ही था.

और शेर मोहम्मद की औकात क्या जो वो कुछ बोलते.
उन्हें तो फ्री फण्ड में सुल्ताना की चूत मिलती.
वो उसी से खुश थे.

उधर साराह शम्मी के चचेरे भाई अली की मोहब्बत में पड़ गयी थी.

अली का एक गेस्ट हाउस था. ठीकठाक कमाई हो जाती थी उसकी.
साराह का मायका बहुत कमजोर था तो उसके लिए बहुत था.

अली ने उसके सपनों को पंख दिए.
अली ने साराह को अपने गेस्ट हाउस का रिसेप्शनिस्ट बना दिया और तनखा के नाम पर छह हज़ार रूपये देने शुरू किये.
कुछ पैसे साराह ट्यूशन करके कमा लेती तो उसके घर का गुजरा चल रहा था.

यहीं अली ने साराह की मुलाक़ात शम्मी से करवाई.
साराह चालू किस्म की लड़की नहीं थी.
पर उसे भी एक ठौर चाहिए था.

साराह के मामू भी चाहते थे कि कैसे भी उसका निकाह हो जाए तो उनका वजन कम हो.

अब जब साराह ने ऊँचे सपने देखने शुरू किये तो उसके खर्चे भी बढ़ गए.
अब वो खर्चे अली और शम्मी ने बाँट कर पूरे किये.

इसी के साथ साराह भी उन दोनों के बीच बंट गयी.
ये साराह की होशियारी थी कि अली और शम्मी दोनों को ही यह नहीं मालूम था कि साराह उन दोनों के बीच बंटी हुई है.

दोनों ही यह सोचते थे कि जमाने की आँख में धूल झोंककर साराह केवल उनसे इश्क फरमा रही है.

एक दिन साराह के मामू की तबियत ज्यादा खराब हो गयी तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा.

वहां का सारा खर्चा अली ने उठाया.

अगले दिन उन्हें कुछ आराम हुआ तो रात को साराह घर रुकने के लिए अली के साथ अस्पताल से वापिस आ गयी.

अचानक तेज बारिश आ गयी.
लगता था तूफ़ान आने को है.

रास्ते में गेस्ट हाउस में ही साराह का सामान रखा था तो दोनों वहां रुके.
भूखे थे तो खाना वहीँ मंगा लिया.

खाना खाते खाते साराह फफक फफक कर रोने लगी.
वो बहुत एहसान मान रही थी अली का.

अली ने उसे ढाढस बंधाया तो वो उसके गले लग गयी.

फिर तो कुछ ऐसा हो गया की दोनों के होठ मिल गये.
साराह को एक सहारा मिला था अपने सूने जीवन में.

फिर तो दोनों जज्बातों में ऐसे बहे की दो जिस्म एक होने को तड़प उठे.

साराह ने अली को रोकना भी चाहा पर आज अली बेकाबू था और साराह उसके एह्सानों के तले दबी थी.
अली ने अपने और साराह के कपड़े उतार दिए.

साराह एक सूखी बेल की तरह लिपट गयी अली से.

अली साराह के मम्मों को चूसता हुआ नीचे पहुंचा और साराह की एक टांग को अपने कंधे पर रख कर उसकी रेशमी चूत में जीभ घुसा दी.

साराह की झांट पर बाल थे.
साराह का जिस्म काश्मीर की कली सा था गुलाबी और अनछुआ.

शम्मी के साथ या अली के साथ इससे पहले साराह ने सिर्फ चूमाचाटी की थी, इससे ज्यादा कभी कुछ नहीं.

अली ने साराह को आहिस्ता से बेड पर लिटाया और उसके तलुओं को चूमता हुआ आगे बढ़ा और उसकी टांगों, जाँघों, पेट, मम्मों को चूमता हुआ उसके गुलाबी होठों से होठ भिड़ा दिए.

अब उसका लंड साराह की चूत पर टक्कर दे रहा था.
साराह ने अली की खुशामद करते हुए कहा- अली, निकाह से पहले ये सब नहीं. मैं तो तुम्हारी हूँ ही, चाहे मुझसे निकाह करो या न करो, मैं तुम्हारी रखैल बन कर रह लूंगी. पर आज ये मत करो.

अली तो बेताब था.
उसने साराह को चूमते हुए उसके लब खामोश कर दिए और फिर बोला- तुम कहो तो हम कल ही निकाह कर लें, पर आज मुझे मत रोको. आज तूफ़ान जोरों पर है. ये कायनात भी चाहती है कि हम दो जिस्म एक जान हो जाएँ.

अब साराह के जज्बात भी जिस्म की गर्मी में पिघल गए.
दोनों गुत्थम गुत्था हो गए.

साराह को खुद नहीं मालूम था कि उसका जिस्म भी अली के जिस्म में समा जाना चाहता था.
साराह चुदाई में अली का पूरा साथ दे रही थी.

दोनों के लिए चुदाई पहला मौक़ा था.

साराह की झिल्ली फट गयी थी.
उसे दर्द भी हो रहा था पर पहली चुदाई का मजा भी आ रहा था.

साराह का होने को था और साथ ही अली का भी.
दोनों के जिस्म अकड़ने लगे.

साराह ने अली का लंड बाहर निकाल दिया.

अली ने अचरज से पुछा की ऐसा क्यों. साराह बोली की बिना प्रोटेक्शन के कर रहे हैं.
अली ने साराह माल साराह के पेट पर निकाल दिया.

अब तो साराह और अली का सेक्स हर दूसरे चौथे दिन होने लगा.
साराह खुद बेताब रहती चुदने के लिए.

अली उससे ईमानदार था पर अभी अली निकाह के लिए रुकना चाहता था.
फिलहाल वो गेस्ट हाउस में ही ऊपर रहता था.

वो चाहता था कि निकाह के बाद अलग घर में रहे और उसमें अभी वक्त लग रहा था.

ऐसे ही कुछ वक़्त और निकल गया.
साराह ने अब अली को अपना शौहर मान लिया था.
और वो उसी हक से उससे हमबिस्तरी करती.

साराह के मामू की तबियत ज्यादा खराब होने लगी तो उन्होंने साराह से शादी के लिए जोर दिया.
उन्होंने बताया कि उन्होंने साराह की शादी के लिए कुछ पैसा भी जोड़ा है.

साराह ने मामू से अली को मिलवाया.
पर पता नहीं क्यों, मामू को अली नहीं भाया.

उधर साराह ने साफ़ कह दिया कि वो शादी करेगी तो सिर्फ अली से.

अब मामू तैयार हो भी गए.
पर अली वक़्त चाहता था.
मामू की हालत वक़्त देने की नहीं थी.

अली के साथ एक दो बार शम्मी उनके घर आया.

साराह के मामू शम्मी के परिवार को जानते थे.
उन्होंने क्या हिसाब फैलाया कि शम्मी के पिता शेर मोहम्मद साराह और शम्मी के निकाह को राजी हो गये.

वहां एतराज़ किया तो सिर्फ आसमा ने.
उसे लगा कि अब उसकी आजादी में खलल पड़ेगा.
अब वो जब चाहे तब शम्मी को चुदाई के लिए नहीं बुला पाएगी.

पर कायनात को कुछ ऐसा ही मंजूर था.

साराह के मामू की हालत ज्यादा ही बिगड़ गयी और उन्होंने मरने के चंद मिनट पहले साराह का हाथ जबरदस्ती शम्मी के हाथ में दे दिया.

साराह ने आखिरी कोशिश में शम्मी से एकांत में ये कबूल कर लिया कि वो अली से प्यार करती थी और इस पर शम्मी को कोई एतराज तो नहीं?
शम्मी ने कहा- मुझे तुम्हारे कल से मतलब नहीं. कुछ गलतियाँ मैंने भी की हैं. पर अब तुम सिर्फ मेरी हो और अली मेरा जिगरी दोस्त है. तुम्हारी और उसकी दोस्ती से मुझे कोई ऐतराज नहीं.

अब साराह इसके आगे कुछ और नहीं बता पायी.

शम्मी और साराह का निकाह हो गया.

शम्मी साराह जैसे खूबसूरत दुल्हन पाकर निहाल हो गया.

सुहाग की सेज पर सामी ने साराह को इतना प्यार दिया कि साराह अली को भूलने पर मजबूर हो गयी.
चुदाई के मामले में शम्मी अली से बहुत आगे था.

कुछ तो शम्मी के मकान के ऐशो आराम और कुछ सुहाग की सेज … साराह और शम्मी रात भर चुदाई में लगे रहे.

साराह ने भी खुलकर साथ दिया शम्मी का.

शम्मी अपने और आसमा के रिश्तों को अली को बता चुका था और अली साराह को.
साराह ने शम्मी से कह दिया कि अब वो सिर्फ शम्मी की है और उसे भी आसमा भाभी को लेकर शम्मी से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए.

साराह की चुदाई के वक्त शम्मी को यह अहसास हुआ कि बीवी की चुदाई में जो मजा है वो किसी अय्याश हसीना की चुदाई में नहीं है.
जो सुकून मियाँ बीवी को चुदाई में मिलता है, वो कहीं और नहीं.
किसी का डर नहीं, कोई खतरा नहीं, दिल में कोई खौफ नहीं.

अब ऐसे ही तीन चार महीने निकल गए.

साराह और शम्मी की जिन्दगी भरपूर रंगीन हो चली थी.

आसमा बार बार शम्मी को आने का इशारा करती.
पर साराह शम्मी को मौक़ा ही नहीं देती.

आसमा हिना से अपनी चूत चुसवा कर अपना काम चला रही थी.

शम्मी के निकाह पर जाहिद आया था एक हफ्ते के लिए.
इस बार उसने ईमानदारी से चुदाई की कोशिश की थी आसमा के साथ.
आसमा ने भी मौके की नजाकत जान कर कोई बखेड़ा खड़ा नहीं किया, पर अब उसकी चूत की खुजली तो शम्मी जैसे मजबूत लंड से ही मिट सकती थी.

हाँ, शेर मोहम्मद और सुल्ताना की चुदाई बेरोकटोक चल रही थी.
साराह की अली से फोन पर बातें होती रहती थीं, पर बिना शम्मी की जानकारी के.

साराह अपने दिल को बहुत समझाती, पर उसे लगता कि वो केवल अली से केवल दोस्ती की ही तो बातें कर रही है तो उसमें शम्मी को क्या बताना.

वो नहीं जानती थी कि उसके जहन से अली अभी उतरा नहीं है और उनका लगाव अभी बरकरार है.

एक दिन अचानक शम्मी को दो दिन के लिए बाहर जाना पड़ा.
अब साराह घर पर अकेली थी.
उसकी अली से खूब लम्बी बात हुईं.

अली पीछे पड़ गया कि मिलने आ जाओ.

पर साराह ने मना कर दिया कि कोई देख लेगा और शम्मी से कह देगा तो दिक्कत हो जायेगी.

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