Savita Bhabhi Ka Bakra - 3

Views: 183 Category: Bhabhi Sex Story By mastaniusha Published: June 07, 2025

मैं भाभी के चूतड़ों पर साबुन मल ही रहा था कि तभी भैया की आवाज़ आई- सविता क्या कर रही हो?

भाभी घबरा गईं और बोलीं- आज ये लंच भूल गए थे, दरवाज़ा बजा कर थक गए होंगे तभी बगल वाली आंटी की छत से कूदकर आ रहे हैं।

भाभी ने दरवाज़ा खोलकर देखा और बोली- नहा रही हूँ, अभी आती हूँ, ऊपर ही रहो।

उसके बाद मुझसे बोलीं- राजेश, जल्दी से कमरे में जाकर छुप जाओ, ये अभी ऊपर ही हैं।

मैं दौड़ कर कमरे में नंगा ही घुस गया।
भाभी भैया को दिखाने के लिए बाथरूम में नहाने का नाटक कर रही थीं।

कमरे में आकर मुझे लगा कि भैया अन्दर आ रहे हैं तो मैं पलंग के नीचे नंगा ही छुप गया।
भैया कमरे मैं पलंग पर बैठ गए।
सामने ड्रेसिंग टेबल के शीशे में मैंने देखा तो भैया मोबाइल में शायद ब्लू फिल्म देख रहे थे, उन्होंने अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया था और सहलाते हुए बुदबुदा रहे थे- क्या गाण्ड मारी है कुतिया की!

उनका लौड़ा बहुत मोटा, लम्बा और कड़क था, उनके सामने मुझे अपना लौड़ा चूहे जैसा लग रहा था।

तभी बाथरूम खुलने की आवाज़ आई भाभी अन्दर कमरे में आई।

शीशे में मैंने देखा वो सिर्फ जांघों पर तौलिया लपेटी थीं उनकी चूचियाँ हवा में लहरा रही थीं। भैया को देखकर चौंकते हुए बोलीं- आप इधर यह क्या कर रहे हैं? ऊपर नहीं गए?
भैया ने उनकी तौलिया खींचते हुए कहा- तुम्हारी बिल्ली मारने के लिए औजार पैना कर रहा था। आज तो बिल्ली मारने में मज़ा आ जाएगा।
भाभी चूत पर हाथ रखते हुए बोलीं- ऊपर चलिए न, मुझे पलंग के नीचे से शीशे में सब दिख रहा था।
भैया ने अपनी पैंट उतार दी और भाभी के हाथ चूत के मुँह से हटाते हुए मोबाइल उनके हाथ में देकर बोले- देखो यह लड़का लड़की की कितनी मस्त गाण्ड मार रहा है। आज यहाँ कोई नहीं है क्यों न तुम्हारी गाण्ड भी एसे ही मार ली जाए।

भाभी फिल्म देखने लगीं, नंगी भाभी को भैया ने खींचकर अपनी जाँघों पर बैठा लिया और उनकी जांघें और चूचियाँ मलने लगे, भाभी उनका लौड़ा सहलाने लगीं।

भैया ने इस बीच भाभी से पूछा- प्रोजेक्ट चूत कैसा चल रहा है?

भाभी बोली- सफल हो रहा है, एक महीने में रिजल्ट आ जाएगा।

भाभी को बाहों में खींचते हुए भैया बोले- सच ! वाह्ह मज़ा आ जाएगा, अब जरा लौड़ा चूस कर खुश कर दो न!

भाभी ने घोड़ी बनकर उनका लौड़ा मुँह में भर लिया, भाभी लपालप लौड़ा चूसे जा रहीं थी लेकिन लौड़ा झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था।

इसके बाद भैया ने खड़े होकर घोड़ी भाभी की गाण्ड के मुँह पर अपना लौड़ा छुला दिया।

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मेरी तो सांस ही रुक गई, भैया लौड़ा अन्दर पेलते जा रहे थे और भाभी सिसकारियाँ भरने लगीं थीं, शीशे में से भाभी ने मुझे भी देख लिया था, उन्होंने मुझे आँखों से शांत रहने का इशारा किया, लौड़े ने उनकी गाण्ड फाड़ रखी थी, चुदती भाभी की चूचियाँ झूला झूल रही थीं और वो उह आह उह कर रही थीं।

भैया एक कुशल खिलाड़ी की तरह उनकी गाण्ड चोद रहे थे और उनके चूतड़ों पर बीच बीच में जोर जोर से चांटे भी मार रहे थे।

मुझे आश्चर्य हो रहा था कि मेरा लौड़ा तो एक मिनट में झड़ जाता है और यहाँ सरपट भाभी की गाण्ड चुदती जा रही है।

मैं डरा सा उनकी चुदाई देख रहा था।

पाँच मिनट करीब तक गाण्ड चोदने के बाद भैया ने पूरा रस भाभी की गाण्ड के ऊपर छोड़ दिया और उसके बाद दोनों अलग होकर पलंग पर बैठ गए।

भाभी बोलीं- तुम ऊपर जाओ, मैं आती हूँ।

भैया पैंट पहन कर ऊपर चले गए।

भाभी ने कपड़े पहने और नीचे झांककर बोलीं- राजेश दस मिनट यहीं छुपे रहो, मैं इन्हें भेज कर आती हूँ।
कहानी जारी रहेगी।
mastaniusha@rediffmail.com

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