Meri Darling Sister - 9

Views: 63 Category: Family Sex By dolly_agl Published: August 25, 2025

मेरा लंड अब ‘गपागप फॅक फॅक’ की आवाज़ करते हुए, उनकी सैकड़ों बार की चुदी चूत में घुस रहा था।

‘फ़चाफॅच’ का मादक संगीत सोनिया को चोदने पर नहीं निकलता था। हम दोनों अब पूरी तरह से मदहोश होकर मज़े की दुनिया में उतर चुके थे।

मैं नीचे से अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर उनकी चूचियों को दबाते हुए धक्का लगा रहा था। उनकी चूचियाँ एकदम कठोर हो गई थीं और निप्पल एकदम नुकीले।

मेरी मम्मी के मुँह से सिसकारियाँ फूटने लगी थीं। वो सिसकते हुए बोल रही थीं ‘ओह बेटे, ऐसे ही, ऐसे ही चोदो, हाँ हाँ, इसी तरह से ज़ोर-ज़ोर से धक्का लगाओ नीचे से, अपनी मम्मी की मदद करो चुदने में, इसी तरह से पेलो मादरचोद लंड को, इसी प्रकार से चोदो मुझे।’

‘आह, सीईईई, मम्मी तुम्हारी चूत कितनी गर्म है, ओह मम्मी, लो अपनी चूत में मेरे लंड को, ऐसे ही लो, देखो ये लो मेरा लंड अपनी चूत में, मेरी सेक्सी मम्मी, बताओ मेरे लंड से चुदने में तुम्हें कैसा लग रहा है? क्या मेरा लौड़ा मजेदार हैं, डैडी से अच्छा है?’

हम दोनों की उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी और ऐसा लग रहा था कि किसी भी पल मेरे लौड़े से गरम लावा निकल पड़ेगा।

‘ओह, सीईईईई, तेरा लंड तेरे डैडी से भी ज्यादा मजा दे रहा है, और शायद मैं अपने ही बेटे के लंड को अपनी चूत में ले रही हूँ। इस बात ने मुझे अधिक उत्तेजित कर दिया है, पर जो भी हो मुझे मजा आ रहा है। साले मादरचोद तुझको भी तो मजा आ रहा होगा? और ज़ोर से पेल अपने लंड से मुझे, बहन की बुर चोदने वाले साले भड़ुए हरामी, और ज़ोर से मार, अपना पूरा लंड अपनी मम्मी की चूत में घुसा कर चोद।’

मुझे लगा कि मम्मी अब थक गई हैं इसलिए मैंने उसे अपनी बाँहो में कस लिया और उसे धक्का लगाने से रोकते हुए पलटने की कोशिश की। मम्मी मेरे मन की बात समझ गईं और उन्होंने मेरा साथ दिया। अब मम्मी नीचे थीं और मैं उनके ऊपर।

मैं और ज़ोर-ज़ोर से धक्का मारने लगा। केवल यह सोचने मात्र से कि मैं अपनी मम्मी को चोद रहा हूँ मेरे लंड को मोटाई शायद बढ़ गई थी और मैं अपने आप को बहुत ज्यादा उत्तेजित महसूस कर रहा था।

लंड को उनके चूत की तह तक पेलते हुए मैं अपने पेडू से उनकी चूत के भगनासे को भी रगड़ रहा था। मैं अपने लंड को पूरा बाहर निकाल कर फिर से उनकी गीली चूत में पेल देता, मम्मी की चूचियों को दबाते हुए उनके चूतड़ों पर हाथ फेरते और मसलते हुए मैं बहुत तेज़ी के साथ उसे चोद रहा था।

मम्मी अब नीचे से अपनी पिछाड़ी को हवा में उछालते हुए अपने चूतड़ों को नचा-नचा कर मेरे लंड को अपनी चूत में लेते हुए सिसिया रही थीं ‘ओह चोद माँ के लौड़े, और ज़ोर से चोद, ओह मेरे चुद्दकड़ बेटे, सीईईई हरामजादे, और ज़ोर से पेल मेरी चूत को, ओह ओह सीईई बेटीचोद भी बनेगा तू एक ना एक दिन, सी ई हरामी बहन के लौड़े, बहन के यार, मादरचोद, ज़ोर-ज़ोर पेल लंड और चोद, मेरा अब निकल रहा हाईईई ओह सीईई भोसड़ी वाले सीईईई’ कहते हुए अपने दांतों को पीसते हुए और चूतड़ों को उचकाते हुए वो झड़ने लगीं।

मैं भी झड़ने वाला ही था इसलिए चिल्ला कर बड़बड़ाया- साली छिनाल कुतिया, लण्डखोर, मम्मी, तेरी मम्मी को चोदूँ आह सीईईसीईई मेरा भी निकलेगा अब, ज़रा इन्तजारर कार्रररओ स्साली लिइईई’ मगर तभी मेरे लंड ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया।

ऐसा जबरदस्त अहसास सोनिया को पहली बार चोदने पर हुआ था। रात भी बहुत हो चुकी थी और इतनी जबरदस्त चुदाई के बाद हम दोनों में से किसी को होश नहीं था।

मैं मम्मी के ऊपर से लुढ़क कर उनके बगल में लेट गया। मम्मी भी अपनी आँखों को बंद किए अपनी साँसों को संभालने में लगी हुई थीं। कुछ ही देर में हमारी आंख लग गई और फिर सुबह जब मैं उठा तो उनको देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

मेरी अच्छी सुमीना, हाँ उनका नाम सुमीना था। और अपनी चूत में शराब की बोतल घुसेड़ कर अपने दोनों पैरों को फैला का चित्त लेटी हुई सो रही थीं।

मादरचोदी बहुत बड़ी चुदक्कड़ थी। उनके मम्मे एकदम कठोर ऊपर की तरफ ताजमहल के गुम्बद से खड़े थे। रात को हैंग ओवर के कारण मेरा सर दर्द सा कर रहा था।

मैंने देखा कि फ्रिज में दूसरी बोतल थी। बोतल खोली और नीट ही तीन लम्बी घूँट मारे। अब मुझे मुँह कड़वा सा लगा तो मैंने सिगरेट की डिब्बी से एक सिगरेट सुलगाई और अपने लंड को हिलाने लगा।

साली सुमीना की चूत में फंसी बोतल बड़ी सेक्सी लग रही थी। मैंने साथ लगे बाथरूम में जाकर फ्रेश होने के बाद ही कुछ करने की सोची। कुछ समय में मैं फ्रेश होकर आया।

अब व्हिस्की का सुरूर भी चढ़ने लगा था। मैंने आगे बढ़ कर सुमीना की चूत में से बोतल निकाली। बोतल भी ‘पक्क’ की आवाज से बाहर निकली। मुझे बहुत नशा सा छा रहा था। एक सिगरेट और जला के। मैंने उनकी चूत में उंगली डाल कर मजा लेने लगा, तभी सुमीना की नींद खुल गई।

मुझे उंगली करते देख कर वो सिसकारने लगी, बोली- मादरचोद, सुबह से ही चुदाई के मूड में दिख रहा हैं भड़वे। उधर तेरी बहन की चूत खाली नहीं थी, जो इधर मम्मी चोदने आ गया।

मैं भी सुरूर में था, सो कह दिया- साली छिनाल, तेरी चूत में जो दम है, वो उस कुतिया में किधर है!

और यह कहते हुये मैंने सुमीना की चूत में अपनी उंगली जल्दी-जल्दी अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।

सुमीना की सिसिआहट तेज होने लगी- उ ओ क्या कर रहा हैं मा.. दरर..चोद?…ल.ला सिगरेट इधर दे हरामी, एक सुट्टा मुझे भी लगाने दे मेरे चिकने भड़वे।’

मैंने अपना लौड़ा उनके मुँह में लगा दिया। सुमीना ने भी सिगरेट का एक गहरा कश लेकर धुंआ मेरे लंड के टोपे पर छोड़ते हुए टोपे पर अपनी जुबान फेरनी शुरू कर दी।

‘हाय मेरे चुदक्कड़ लौड़े, तेरा लंड है या मूसल! मेरे भोसड़े को ऐसे लौड़े की ही जरूरत थी। तेरे बाप का लंड भी अब थक चुका है। माँ का लौड़ा किसी काम का नहीं बचा।’

मैंने उनकी चूचुक को मसलते हुए पूछा- हाय मेरी जान सच-सच बताना, अपने खसम के अलावा कितने लौड़े चचोर चुकी हो?

मादरचोदी ने मेरी आखों में आँखें डाल कर नशीले अंदाज में कहा- कभी गिनती नहीं की मेरे चिकने लंड, पर मुझे तेरे लंड पर नजर बहुत दिन से थी। बहुत देर से पकड़ में आया है।

‘हा हा हा… मेरी नौकरानी तेरे ऊपर बहुत दिन से नजर लगाए बैठी थी। आज जब तूने अपनी बहन की चूत में लंड घुसेड़ा उसी समय उसने मुझको फोन कर दिया था। हा हा हा..ले अब तू भी पी ले सिगरेट और जल्दी से मेरी खाज मिटा। मैं तुझको बहुत सी चूतें दिला दूँगी मेरे चिकने भड़वे।’

मुझे भी आग लग चुकी थी। मैंने भी सोचा कि अभी तो लंड का पानी निकालना है। इसकी और दूसरी चूतें बाद में मारूँगा। उसको सीधा लिटा कर उसकी चूत के मुँह पर अपना हथियार लगाया और घचाक से पूरा लौड़ा सुमीना की चूत में खो गया। सुमीना की हल्की सी चीख निकली- ओ ओ ईई मादरचोद क्या फाड़ना है मेरी चूत? साले जरा धीरे-धीरे चोद। इतना तेज तो तेरे दादा ने नहीं चोदा था मुझे।

मैं सुन कर मन में सोचने लगा कि ‘हैं?’ इस कुतिया ने अपने दूसरे खसम के बाप का भी लंड खाया है।

मेरे लौड़े को अब सेक्स ने इतना घेर लिया था कि धकाधक उसकी चूत को रगड़ने में जुट गया।

करीब बीस मिनट उसको जबरदस्त तरीके से रगड़ कर जैसे ही झड़ने की हुआ, तभी सुमीना बोली- अबे अंदर मत झड़ना अभी जरा रुक, मैं तुझको बताती हूँ कि क्या करना है?’ और इतना कह कर…

कहानी जारी रहेगी।

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