Maa aur Beta - 8

Views: 75 Category: Family Sex By RaatKiBaat Published: May 07, 2025

Previous Part : Maa aur Beta - 7

मेरा नाम नीलम , उम्र 40 साल है । मेरे पति का नाम अभिषेक है, अभिषेक एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं और हर महीने टूर के लिए 7-8 दिन घर से बाहर रहते हैं ।
मेरे दो बच्चे हैं, एक बड़ा लड़का अमित और मेरी एक बेटी अन्नू उससे दो साल छोटी है । मेरा परिवार बहुत ही प्यारा है और हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं । मेरा रंग एकदम गोरा है और मेरा 36-28-36 का फिगर बहुत ही आकर्षक है जिसे देखकर हर कोई मचल उठता है ।
मेरे पति मुझसे बहुत प्यार करते हैं, हमारी शादी को 20 साल हो गए.. पर वे मुझे ऐसे रखते हैं कि जैसे अभी कल ही हमारी शादी हुई हो । मेरे स्तन अभी तक कसे हुए हैं और उन पर मेरे लाल निप्पल ऐसे लगते हैं जैसे कि रसगुल्ले पर गुलाब की पत्ती चिपकी हो। मेरे नितम्ब भी बहुत कसे हुए और गोल हैं.. जो भी उन्हें देखता है.. उनके लंड उनकी पैंट में ही कस जाते हैं ।
आप लोग कपिल के बारे में तो जानते ही होंगे वो अभिषेक के बड़े भाई मतलब मेरे जेठ का लड़का है । कपिल की बड़ी बहन मतलब मेरी भतीजी स्वाति का रिश्ता पक्का हुआ था, कुछ ही दिनों बाद उनकी सगाई का फंक्शन था तो मुझे और मेरे परिवार को वहाँ जाना था पर अपनी जेठानी की जिद पर मुझे तीन दिन पहले ही वहाँ जाना पड़ा ।
मैंने रोहन, अन्नू और अभिषेक के लिए सभी जरूरी सामान की व्यवस्था कर दी और फिर अमित मुझे स्टेशन तक छोड़ने गया । मैंने हल्के स्किन कलर का सूट पहना हुआ था । स्टेशन पहुँच कर मैंने अमित की तरफ देखा तो मुझे उसका मन बिल्कुल भी ठीक नहीं लग रहा था तो मैंने उससे पूछा- तुझे क्या हुआ, तेरा मुँह क्यों लटका हुआ है ?
अमित बोला- मम्मी, मैं आपके बिना इतने दिनों तक कैसे रह पाऊँगा । मैं अमित के बालों पर हाथ फेरते हुए बोली- अरे बस चार पांच दिन की ही तो बात है और फिर तीन दिन बाद तुम भी तो वहीं आ रहे हो । मेरी ट्रेन का टाइम हो चुका था, मैं अमित के माथे पर एक प्यारा सा चुम्बन देते हुए बोली- अब जल्दी से तुम भी अपने ताऊजी के घर आ जाना ।
फिर अमित मुझे ट्रेन में बिठाकर घर निकल गया। शाम पांच बजे मैं वहाँ पहुँच गई । स्टेशन पर पहुँचकर मैंने कपिल को कॉल किया तो वो मुझे स्टेशन पर लेने आ गया । हम दोनों बहुत दिनों बाद मिल रहे थे तो नज़रें मिलते ही हम एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे ।
मेरे पास आते ही कपिल मुझे देखकर बोला- चाची जी, आप तो बहुत सुंदर लग रही हो ! मैंने शरमाते हुए उसे कहा- अरे पागल है क्या? स्टेशन पर क्या कोई ऐसी बातें करता है भला ! अमित भी उत्सुकता में बोला- क्यों, स्टेशन पर क्या किसी खूबसूरत औरत को खूबसूरत नहीं बोलते ?
मैं कपिल की बात काटते हुए बोली- तुझसे तो बहस करना ही गलत है । कपिल ने मेरा सामान उठाया और हम कार में बैठकर घर की तरफ जाने लगे । स्टेशन से उनका घर ज्यादा दूर नहीं था। मैं अमित के पास आगे वाली सीट पर बैठी थी और अमित कार चला रहा था ।
रास्ते में कपिल ने अपने एक हाथ को मेरे हाथों पर रख दिया और मैंने भी उसके हाथ को अपने दोनों हाथों के बीच थाम लिया । हम दोनों चुपचाप बैठे हुए थे । अमित ने ख़ामोशी तोड़ते हुए कहा- चाची, मुझे आपकी बहुत याद आती है। पर आप तो मुझे भूल ही गई थी ।
मैंने कपिल से बोला- नहीं कपिल ऐसी बात नहीं है। उस दिन के बाद से मुझे तुमसे नज़र मिलाने और बात करने में बड़ा अजीब सा लगता था । कपिल बोला- अरे चाचीजी आप भी ना… और फिर कपिल ने मेरे हाथ को ऊपर उठाया और मेरे हाथ को चूमने लगा ।
थोड़ी देर बाद हम लोग घर पहुँच गये, वहाँ मेरे सास ससुर, जेठ और जेठानी सब साथ में रहते थे। मेरे घर पहुँचते ही सब लोग खुश हो गये । मैं अपने परिवार में सबकी बहुत चहेती हूँ, मेरी जेठानी तो मुझे अपनी बहन मानती है इसलिए उन्होंने मुझे इतना जल्दी बुला लिया था । मेरे जेठ भी मेरा बहुत ख्याल रखते हैं, वे मुझे सोना या सोनू कहकर बुलाते थे ।
सभी सदस्य घर पर ही थे और स्वाति भी घर पर ही थी, सब लोग सगाई की तैयारियों में ही जुटे थे । फिर मैं उठकर बाथरूम गई और हाथ मुह धोकर कपिल के रूम में गई। वो वहाँ बैठकर लैपटॉप पर कुछ कर रहा था । मेरे आते ही उसने लैपटॉप बन्द कर दिया और हम दोनों बातें करने लगे । रात को हम सब लोगों ने खाना खाया और फिर हम लोग कपिल के रूम में ही बैठकर बातें करने लगे ।
घर वालों से बात करते करते कब मुझे नींद आ गई पता ही नहीं चला । थोड़ी देर बाद मेरी जेठानी ने मुझे उठाया पर गहरी नींद में होने के कारण मैं नहीं उठी। फिर कपिल के बोलने पर उन्होंने मुझे वहीं सोने दिया और फिर सब लोग उठकर अपने अपने रूम में चले गए । कपिल ने उठकर दरवाजा बंद किया और वो भी मेरे पास में आकर सो गया ।
करीब एक घंटे बाद कपिल ने अपने हाथों से मेरे सिर को सहलाना शुरू कर दिया । मुझे नींद में जब इस बात का अनुभव हुआ तो मेरी नींद खुल गई, मैंने अपनी आँखों को हल्का सा खोलकर देखा तो कपिल बड़े ही प्यार से अपने हाथ से मेरे चेहरे और बालों को सहला रहा था, वो बिना अपनी पलकें झपकाये मुझे ही देख रहा था ।
मैंने कपिल से बोला- तुम अब तक सोये नहीं ?
कपिल बोला- चाची, आपके पास होते हुए मुझे नींद आ सकती है क्या? मैं तो आपके जागने का ही इंतजार कर रहा था । इतना बोलते ही वो उठा और मेरे माथे पर चुम्बन करने लगा । अब कपिल ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया, मेरे मम्मे कपिल के सीने से चिपके हुए थे और दबे जा रहे थे ।
कपिल ने देर न करते हुए मेरे होंठों पर चूमना शुरू कर दिया, हम दोनों एक दूसरे का मिल कर साथ दे रहे थे, मैंने भी अपनी जीभ को कपिल के मुँह में डाल दिया जिसे कपिल चूमने लगा । मेरे होंठों को चूमते वक्त कपिल ने मेरे शर्ट को मेरी कमर के ऊपर से पकड़कर उसे मेरे सीने तक ला दिया जिससे मेरे आधे मम्मे शर्ट के नीचे से बाहर आने को फड़फड़ाने लगे ।
अब कपिल ने पलटा कर मुझे नीचे कर दिया और फिर मेरे कमीज को उतार दिया, फिर उसने मेरी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे भी मेरे जिस्म से अलग कर दिया । मैं अब केवल ब्रा और पैंटी में ही उसके नीचे थी । कपिल ने भी जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और केवल चड्डी में ही मेरे ऊपर आकर लेट गया । मैंने अपनी आँखें बंद कर रखी थी ।
कपिल अपना मुंह मेरे कान की तरफ लाकर हल्के से बोला- चाची… बड़े इंतजार के बाद आप मुझे वापस मिली हो ! मैंने भी कपिल की बात पर मुस्कुराते हुए आँखें खोल दी । अब कपिल मुझे और मेरे शरीर को निहार रहा था । कपिल ने मेरी ब्रा के हुक को खोलकर उसे मेरे गदराए बदन से अलग कर दिया। कपिल की नज़र मेरे मम्मों पर पड़ते ही वो उन पर टूट पड़ा और उन्हें जोर से दबाने लगा ।
मेरे मुख से सिसकारियाँ निकलने लगी । कपिल लगातार मेरे मम्मों का मर्दन कर रहा था जिससे मेरे गोरे और गोल कसे हुए मम्मे एकदम लाल और कड़े हो गए । मुझे बहुत मजा आ रहा था ।
फिर कपिल ने अपने हाथों को मेरे बूब्स से अलग किया और उन्हें चाटने और चूसने लगा । मेरे मम्मों को दबाते वक्त मुझे दर्द भी होता था पर मजा भी बहुत आता था। शायद इसलिए मेरे स्तन अभी तक इतने टाइट और गोल थे ।
कपिल अपने मुँह से मेरे निप्पल चूस रहा था और फिर साथ में ही उसने अपने एक हाथ को मेरी पैंटी के अंदर डाल दिया, उस ने अपनी उंगलियों से मेरी चूत को सहलाना शुरू कर दिया, वो अपनी दो उंगलियों से मेरी चूत के होठों को खोलता और फिर अपनी उंगलियों को बीच में ले जाकर मेरी चूत के दाने को सहला देता था । कपिल ने मुझे काफी उत्तेजित कर दिया था, उसकी इन हरकतों से मेरी चूत गीली हो गई थी ।
मेरी चूत से निकलते पानी से कपिल की उंगलियाँ भी भीग गई थी । कपिल ने देर ना करते हुए मेरी पैंटी को भी मेरे शरीर से अलग कर दिया । अब मैं कपिल के सामने बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी । कपिल ने अपनी दोनों गीली उंगलियों को मेरी चूत में डाल दिया और उन्हें अंदर बाहर करने लगा ।
थोड़ी देर बाद जब मुझे लगा कि मैं झड़ने वाली हूँ तो मैंने कपिल की कमर को भींचते हुए उसे कहा- आहहह… आलोक, थोड़ा रुको, मैं झड़ने वाली हूँ । कपिल ने मेरी बात मानते हुए अपनी उंगलियों को मेरी चूत से बाहर निकाल लिया । कपिल भी काफी उत्तेजित हो गया था…
उसने देर ना करते हुए अपनी अंडरवियर को उतार फेंका, उसका लंड पूरी तरह से खड़ा था और एकदम सख्त और मोटा लग रहा था ।
वह आगे बढ़ते हुए अपने लंड को मेरी चूत पर लाकर उसे चूत के ऊपर रगड़ने लगा । मेरी चूत पहले से ही काफी गीली थी जिस वजह से कपिल का लंड भी रगड़ने के कारण गीला हो गया । अब कपिल ने मुझे बेड पर बैठने के लिए बोला और खुद खड़ा हो गया ।
मैं भी अपने घुटनों के बल बेड पर बैठ गई और कपिल मेरे सामने खड़ा हो गया। कपिल का लंड मेरे मुख के सामने ही था, वह अपने लंड को लाकर मेरे होठों पर फेरने लगा ।
मैंने भी अपना मुख खोलते हुए उसके लंड को मुँह के अंदर लेकर चूसना शुरू कर दिया। मेरी चूत के लगे हुए पानी के कारण मुझे कपिल का लंड नमकीन लग रहा था पर इसमें मुझे बहुत मजा आ रहा था ।
मेरा भतीजा मेरे बालों को पकड़कर अपने लंड से मेरे मुंह को चोद रहा था । थोड़ी देर बाद कपिल ने अपने लंड को मेरे मुंह से बाहर निकाल दिया, उसका लंड पूरी तरह से मेरे थूक से भीगा हुआ था ।
अब कपिल ने मुझे पीठ के बल लेटा दिया और खुद मेरी टांगों के बीच आकर बैठ गया। उसने मेरी दोनों टांगों को अपने हाथों से पकड़ कर फैला दिया और फिर अपने लंड के सुपाड़े को मेरी चूत पर लाकर रख कर दिया ।
कपिल ने फिर हल्के हल्के धक्के लगाना शुरू कर दिए। पहले धक्के में उसके लंड का सुपारा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया। और फिर अगले ही दो तीन धक्कों में कपिल का पूरा लंड मेरी चूत में जड़ तक समा गया ।
अब कपिल ने जोरदार धक्कों के साथ मेरी चूत चुदाई शुरू कर दी। कपिल का लंड मेरी चूत के अंदर तक जाकर हलचल मचा रहा था। मेरे मुँह से हल्की हल्की सी ‘आआहह…आलोक.. और जोर से चोदो मुझे… फ़क मी हार्डर…’ की सीत्कारें निकल रही थीं । कपिल भी ‘आहहहह… चाची… आज तो आपको जी भर के चोदूँगा… आहहह… आपकी याद में मुठ मारते मारते मैं थक चुका… था… मेरी… प्यारी… सोना… चाची!
कुछ देर बाद मैं अपने चरम पर पहुँच गई। मैं अब झड़ने वाली थी और फिर मैं ‘उफ्फ़… ओह्ह… माय्य… गॉड… फ़क्क… मीईई… आलोक… उफ्फ़… अहह… मैं… गई… आहहह… ‘ कहते हुए झड़ने लगी । कपिल अभी तक मुझे चोद रहा था। मेरे झड़ने के कारण अब कपिल के हर धक्के पर फच…फच.. की आवाज आ रही थी |
जिसे कपिल बहुत एन्जॉय कर रहा था । थोड़ी देर बाद कपिल भी झड़ने वाला हुआ तो वह अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल कर उसे मेरी जांघों के बीच डालकर आगे पीछे करने लगा और एकाएक वो झड़ने लगा ।
कपिल ने अपना सारा वीर्य मेरी जांघों पर उड़ेल दिया और फिर उठकर मेरे पास आकर लेट गया । शायद इस लम्बी चुदाई के बाद वो काफी थक गया था । मैं उठकर बाथरूम गई जो कपिल के रूम में ही था, वहाँ जाकर अपनी जांघों और चूत को साफ किया और वापस आकर अपने कपड़े पहन कर बेड पर लेट गई ।
कपिल ने भी तब तक अपना लोअर और टीशर्ट पहन लिया था । कपिल के चेहरे पर मुझे संतुष्टि के भाव साफ दिखाई दे रहे थे, वो खुश भी बहुत लग रहा था, मुझसे बोला- चाची, आप बहुत सेक्सी हो और बहुत अच्छी भी… आई… लव… यू… सोना चाची..
मैं भी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दी । थोड़ी देर बात करने के बाद फिर हम दोनों आपस में लिपट कर सो गए । अगले दिन सुबह उठकर हम दोनों फिर से घर के कामों में लग गए और आज शाम तक तो अभिषेक अमित और अन्नू भी आने वाले थे क्योंकि अगले दिन ही सगाई का फंक्शन था ।
सुबह से कपिल और मेरे बीच किसी भी प्रकार की कोई बात नहीं हुई थी। दिन में हम घर के काम कर रहे थे, तब मेरी जेठानी मुझसे बोली- आज शाम को तू मेरे साथ बाजार चलना, मुझे कुछ खरीददारी करनी है ।
मैंने हाँ बोल दिया ।
हम लोगों ने जल्दी से अपने घर के काम ख़त्म किये और बाजार जाने के लिए तैयार हो गए। मैंने नीले रंग का प्रिंटेड सूट पहना था जिसमें मेरी खूबसूरती अलग ही छा रही थी ।
स्वाति और कपिल भी हमारे ही साथ जाने वाले थे ।
शाम को साढ़े चार या पांच बजे हम घर से बाजार के लिए निकल लिए। हम लोग कार में बैठ कर बाजार गये थे जिसे कपिल चला रहा था और मैं उसी के बगल वाली सीट पर बैठी थी ।
हम लोग काफी घूमे और खरीददारी भी की ।
अभी स्वाति को भी कुछ ख़रीदना था पर ज्यादा घूमने की वजह से मैं थक गई थी ।
मैंने जेठानी से कहा- भाभी, मैं थक गई, अब मुझसे नहीं चला जाएगा ।
तो जेठानी बोली- तुम कपिल के साथ यही कार में रुको, हम लोग थोड़ी देर से आते हैं ।
इतना कहकर वो स्वाति के साथ चली गई ।
मैं और कपिल कार में बैठ गए, कपिल बोला- चलो थोड़ी देर के लिए ही सही… हमें हमारी चाची के अकेले में दीदार हुए, वरना आप तो बहुत व्यस्त हो गई हो ।
मैं कपिल से बोली- तू तो पागल हो गया है, घर पर इतना टाइम ही नहीं मिला कि तेरे साथ बात हो पाए ।
कपिल बोला- अब तो टाइम मिल गया ना ?
इतना बोलते ही कपिल ने मेरा एक हाथ पकड़कर अपनी जीन्स की ज़िप के ऊपर रख दिया और मेरे हाथों से अपने लंड को दबाने, सहलाने लगा ।
मैं कपिल से बोली- आलोक, पागल हो गए हो क्या? ऐसे कार में कोई ऐसी हरकत करता है क्या? किसी ने देख लिया तो क्या सोचेगा वो !
तो कपिल बोला- अच्छा तो यह बात है, फिर तो कहीं सेफ जगह ढूंढनी पड़ेगी ।
इतना कहकर कपिल ने कार स्टार्ट की और फिर पास ही में एक अंडरग्राउंड पार्किंग में ले जाकर कार को एक कम लाइट वाली जगह पर पार्क कर दिया ।
मैंने कपिल से कहा- तू तो पूरी तैयारी के साथ आया है, इतना दिमाग कैसे चला लेता है ।
मुझे बोलते हुए ही कपिल ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया ।
बस फिर क्या था कपिल ने अपने होंठ मेरे होठों से मिला दिए और फिर हम दोनों के बीच एक प्यारा सा चुम्बन हुआ ।
हमारे पास समय कम था तो कपिल ने देर ना करते हुए मुझसे कहा- चाची, आप पीछे की सीट पर चली जाओ ।
मैं उठकर पीछे की सीट पर चली गई, कपिल भी उठ कर पीछे आ गया, उसने कार को लॉक कर दिया और खिड़कियों को विंडो कवर से ढक दिया ।
कपिल ने सीट पर बैठ कर मुझे सीट पर लेटा दिया ।
आज मैं कार के अंदर चुदने वाली थी और यह मेरी जिंदगी की पहली कार चुदाई थी ।
मैंने कपिल से कहा- आलोक, आज नहीं, फिर कभी! कार में मैंने कभी नहीं किया, मुझे डर लग रहा है, किसी ने देख लिया तो ?
कपिल बोला– मेरा भी तो पहली बार है चाची! हम पहली बार ट्राई करते हैं, काफ़ी चीज़ें ज़िन्दगी में पहली बार ही होती हैं ।
मैं घबरा रही थी तो मुझे देखकर कपिल बोला– चाची हम केवल अपने नीचे के कपड़े ही उतारेंगे ताकि हम आराम से चुदाई कर सकें। अगर अचानक कोई आ गया तो ऊपर के कपड़े पहने होने की वजह से हम नंगे नहीं दिखेंगे ।
मैंने कपिल की बात मान ली इसलिए ऊपर के कपड़े बदन पर पहन कर चुदवाने को राज़ी हो गई ।
उसने अपने हाथों से ही मेरी सलवार के नाड़े को खोल दिया और उसे मेरे घुटनों तक नीचे कर दिया। फिर कपिल ने मेरी पैंटी जो मेरी चूत से बिल्कुल चिपकी हुई थी, उसको भी उतार कर मेरी जांघों तक सरका दिया ।
मेरी चूत अभी तक गीली नहीं हुई थी तो कपिल ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया ।
कपिल अपनी जीभ से मेरी चूत को रगड़ रहा था, हालांकि मेरी चूत पर हल्के हल्के रेशमी बाल थे जो की उसे बहुत ही मादक लग रहे थे ।
कपिल बार बार मेरी चूत पर थूक कर उसे गीला कर रहा था ।
अब कपिल उठा और फिर अपनी उंगलियों से मेरी चूत को सहलाने लगा। वो तेजी के साथ मेरी चूत को सहला रहा था, मैं काफी उत्तेजित हो रही थी पर मेरी सिसकारियाँ मेरे अंदर ही घुट रही थी क्योंकि मुझे आवाज़ नहीं करनी थी ।
जब मेरी चूत से हल्का हल्का पानी बाहर आने लगा तो कपिल उठ गया, अब उसने अपनी जीन्स को उतार दिया और फिर अपनी चड्डी को भी अपने घुटनों तक कर लिया ।
कपिल का लंड जो लगभग सात इंच लम्बा था बिल्कुल कड़क हो चुका था। कपिल के लंड का टोपा बाहर को निकल आया था ।
मैं अभी भी बैक सीट पर लेटी हुई थी, कपिल ने मेरी टांगों के बीच आकर मेरी सलवार और पैंटी को उतार कर अलग कर दिया और खुद टांगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया, उसने मेरे दोनो पैरों को अपनी कमर के दोनों तरफ रख लिया ।
कपिल ने देर ना करते हुए अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया और उसे अपने लंड पर मलने लगा, उसका लंड अब मेरी चुदाई के लिए बिलकुल तैयार था ।
कपिल अपने लंड को मेरी चूत पर लाकर रगड़ने लगा और फिर मेरी चूत के छेद पर लाकर रख दिया और फिर हौले से पहले अपने लंड का सुपारा अन्दर घुसाया और फिर अगले धक्के में कपिल ने आधा लंड अन्दर मेरी चूत में पेल दिया ।
मैं सिसकार उठी ‘ऊऊह्ह माँ… उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
तो कपिल ने कहा- दर्द हुआ क्या चाची ?
तो मैं बोली- हाँ जरा आराम से कर ना !
मैं हल्की आवाज़ों में सीत्कार कर रही थी ।
फिर कपिल ने एक और धक्का मारा और फिर उसका पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर चला गया तो अब उसने मेरी चूत में धक्के देना शुरू कर दिए ।
पहले तो कपिल धीरे धीरे धक्के दे रहा था पर फिर मौके की नजाकत और वक्त को देख़ते हुए कपिल ने जोर जोर से धक्के देना चालू कर दिए ।
मैं उसके हर धक्के पर सीत्कार कर रही थी और कमर उठा उठा कर कपिल का पूरा साथ दे रही थी ।
कुछ देर बाद कपिल के धक्कों की गति कम हो गई क्योंकि देर तक एक ही पोजीशन की वजह से वो थक गया था और यह जगह भी तो ऐसी थी को यहाँ कोई और पोजीशन नहीं बन सकती थी ।
तब कपिल बोला उठा और उसने मुझे घोड़ी बनने के लिए बोला, मैं भी बिना किसी सवाल के अपने घुटनों और हाथों के बल खड़ी होकर घोड़ी बन गई ।
फिर कपिल अपना लंड पीछे से मेरी चूत में डालने लगा और अगले तीन चार धक्कों में कपिल का पूरा लंड मेरी चूत में उतर गया ।
कपिल तेजी के साथ अपने लंड से मेरी चुदाई किये जा रहा था, उसके दोनो हाथ मेरी गदराई हुई गांड को सहला रहे थे ।
थोड़ी देर की चुदाई के बाद में अपने चरम पर आ गई, मैं ‘आहाहाहा… अहहाह… अहहाह… अहह… आलोक… मेरा होने वाला है… आलोक…’ बोलते हुए सिसकार उठी और फिर अपनी कमर को सीट पर झुकाते हुए जोर से झड़ने लगी ।
कपिल अभी भी मैदान में था, वो अभी भी लगातार धक्कों से अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर करके मुझे चोद रहा था। मैं अपने स्तनों के बल सीट पर झुकी हुई थी मेरी चूत से निकलता हुआ पानी मेरी कमर से बहता हुआ मेरे सूट को गीला करने लगा पर इस बात का मुझे कोई आभास नहीं था, मैं तो बस अपनी चूत चुदाई में मगन थी ।
कपिल के धक्कों से मैं लगातार आगे पीछे हो रही थी। फिर एकाएक कपिल ने भी अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी, शायद वह भी अब झड़ने वाला था ।
कुछ ही पलों में कपिल ने मुझे जकड़ लिया और देखते ही देखते वो ‘आहहहह… सोना… चाची…’ बोलते हुए मेरी चूत के अंदर ही झड़ने लगा ।
मैं उससे छूटना चाहती थी पर वो मुझे एकदम कस कर पकड़े हुए था ।
कपिल के लंड से लगातार वीर्य की बारिश से मेरी चूत अंदर तक गीली हो गई थी, मेरे भतीजे के गर्म वीर्य से मेरे शरीर मैं एक अलग ही सरसराहट हो रही थी ।
झड़ने के बाद कपिल मुझसे ही लिपट गया और अब हम दोनों सीट पर लेट गए, उसका लंड मेरी चूत से बाहर आ गया था ।
मैं कपिल से बोली- तूने अपना पानी अंदर क्यों छोड़ा? अगर कुछ हो गया तो ?
कपिल बोला- सॉरी चाची, मैं खुद को रोक ही नहीं पाया और कुछ नहीं होगा चाची, मैं आपको टेबलेट ला कर दे दूँगा। आप चिंता मत करो । फिर हम लोग उठकर अपने कपड़े पहनने लगे ।
कपिल का वीर्य मेरी चूत से बाहर आ रहा था जिसे मैंने अपनी पैंटी से साफ कर लिया और फिर उसे पहन लिया ।
हम दोनों ने कपड़े पहने और वापस मार्केट आ गए । थोड़ी देर बाद भाभीजी और स्वाति भी आ गई और फिर हम सब घर की तरफ जाने लगे ।
रास्ते में कपिल ने एक मेडिकल पर कार रोक ली और फिर वहाँ से कुछ लेकर आया । मैं समझ चुकी थी कि वो मेरे लिए एंटी प्रेगनेंसी टेबलेट लाया है ।
रात के आठ बजे हम लोग घर पहुँच गये। घर पहुँच कर कपिल ने मुझे चुपके से वो दवाई दे दी ।
घर के अंदर जाने पर मैंने देखा कि अभिषेक अमित और अन्नू सब लोग आ चुके हैं, मैं उन्हें देख कर बहुत खुश हो गई ।
मुझे देखते ही अमित मेरे गले से आकर लग गया, मैंने भी उसे प्यार से अपने सीने से लगा लिया। अमित मुझसे बोला- मम्मी, मैंने आपको बहुत मिस किया ।
मैंने भी कहा- मम्मी ने तुझे बहुत याद किया ।
फिर हम लोग रात को खाना खा कर सो गए। रात को अमित कपिल के साथ और अन्नू स्वाति के रूम में जाकर सो गए ।
मैं अभिषेक और भाभीजी हम लोग एक ही रूम में सोए थे ।
जेठ जी सगाई की तैयारियों के लिए घर से बाहर थे ।
इससे आगे की कहानी अगले भाग में । तब तक के लिए धन्यवाद ।

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