Maa aur Beta - 7

Views: 37 Category: Family Sex By RaatKiBaat Published: May 07, 2025

Previous Part : Maa aur Beta - 6

अभिषेक के जाने के थोड़ी ही देर बाद अमित भी आ गया । मैं तब बाथरूम में थी । डोरबेल बजने पर मैं बाहर जाने लगी, मुझे पता था कि दरवाजे पर अमित ही है तो मैं पैंटी पहने हुए ही दरवाजे की तरफ जाने लगी । मैं बिल्कुल नंगी थी, बस पूरे शरीर पर एक पैंटी थी जो मेरी गांड और चूत को ढकी हुई थी । मेरे कसे हुए गोल मम्मे बिल्कुल नंगे और तने हुए थे ।
जब दरवाजे की तरफ जाते हुए मैंने खुद को देखा तो मैं खुद अपने नंगे जिस्म को देखकर उत्तेजित होने लगी थी । मेरे मम्मे जो मेरे चलने की वजह से हिल रहे थे, मुझे काफी उत्तेजित कर रहे थे । मेरी पतली कमर के नीचे ऊपर नीचे होते हुए मेरे गोल बड़े कूल्हे… आहह… पता नहीं आज मुझे यह क्या हो रहा था, खुद को इस तरह देख कर !
मैंने अपने मम्मों को हाथों से ढक लिया ताकि वो हिले भी ना और किसी को दिखे भी ना । मैं अब दरवाजे पर पहुच चुकी थी। मैंने दरवाजा खोला और अमित अंदर आ गया। अंदर आते ही अमित मुझे ऐसी हालत में देखते हुए बोला – क्या हुआ मम्मी आपने कपड़े क्यों नही पहने ।
मैंने बोला – अभी बाथरूम में नहाने ही जा रही थी की तू आ गया ।
फिर अमित बोला – चलो अच्छा है आज हम दोनों साथ में नहाएंगे ।
मेने बोला – आज सुबह ही तो तू नहा कर गया था ।
अमित बोला – तो क्या हुआ आज तो मैं फिर से नहाऊंगा और आप के ही साथ नहाऊंगा ।
मैंने बोला – हां ठीक है नहा लेना मेरे साथ भी , कभी मना किया है तुझे मैंने ।
मेरे इतना बोलते ही अमित ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और फिर मेरे होंठो को चूमने लगा । फिर उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और सीधे बाथरूम की तरफ जाने लगा। बाथरूम पहुँचते ही उसने मुझे उतार दिया। अब मैं उसके सामने बस पैंटी में ही खड़ी हुई थी। अमित ने अपने कपड़े उतार लिए और अब वी सिर्फ चड्डी में ही मेरे सामने खड़ा था ।
उसने मुझे हल्का सा धक्का देकर दीवार से टिका दिया और मेरे होठों को फिर से चूमना शुरू कर दिया। उसके दोनों हाथ मेरे चुच्चों पर थे और वो अब अपने हाथों से मेरे मम्मों का मर्दन कर रहा था । अमित के कड़क हाथ मेरे मुलायम और कसे हुए मम्मों को बेरहमी से मसल रहे थे। अमित बीच बीच में मेरे निप्पल को भी खींच और दबा देता था जो की उसे काफी मजा दे रहा था और मुझे एक प्यारा सा दर्द ।
अमित ने अब मेरे होठों को चूमना बंद कर दिया और अपने हाथों को मेरे मम्मों से हटा दिया । वह अब अपने मुंह को मेरे सीने पर लेकर आया और मेरे मम्मों के बीच में अपना मुंह रगड़ने लगा । उसने मेरे मम्मों को जोरो से पकड़ा और उन्हें चाटने लगा। बीच बीच में वो मेरे निप्पल को मुंह में लेकर चूसने भी लगता था और कभी कभी उनके हल्के से काट भी लेता था, जिससे मैं सिहर उठती थी ।
थोड़ी देर तक इसी तरह चूमने के बाद अमित अपने घुटनों के बल बैठ गया और मैं अभी भी दीवार के सहारे खड़ी हुई थी । अमित अब अपनी जीभ से मेरी कमर और नाभि को चाट रहा था । अमित के यह सब करने से मुझे इतना मजा आ रहा था कि मेरा बदन और पेट काँपने लगा । अमित अपनी जीभ से मेरी नाभि को कुरेद रहा था ।
उसने ऐसा करते हुए ही मेरी पैंटी को नीचे करना शुरू कर दिया, मेरी पैंटी को घुटनों तक नीचे कर दिया । फिर अमित ने मुझे पलट कर घोड़ी बनने के लिए बोला । तो मैं भी बिना किसी सवाल के फर्श पर बैठकर घोड़ी बन गई । झुकने की वजह से मेरे मम्मे नीचे की तरफ लटक रहे थे तो मैं अपने एक हाथ से अपने मम्मों को सहलाने लगी थी ।
अमित ये सब देख रहा था और फिर हमारी नज़रें आपस में मिली और हम दोनों एक दूसरे को देख कर हँसने लगे । अमित अब पीछे से आकर मेरी चूत को सहलाने लगा, वो बड़ी ही तेजी से अपनी उंगलियों से मेरी चूत के दाने को रगड़ रहा था । थोड़ी देर इसी तरह सहलाने के बाद मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो गई तो उसने अपनी जीभ मेरी चूत की दरार पर लगा दी । अमित अब अपनी जीभ को मेरी चूत के अंदर डाल कर मेरी चूत को सहला रहा था और मेरी चूत के पानी को चाट रहा था ।
अब अमित उठा और उसने मुझे भी उठा दिया, उसने मुझे 69 की पोजीशन में आने के लिए बोला । मैंने भी हां में सिर हिला दिया । अमित नीचे लेट गया, मैं उसके ऊपर आ गई । मैंने अपनी पैंटी जो अमित ने घुटनों तक ही उतारी थी, उसे उतार दिया । फिर मैंने अपनी चूत को अमित के मुंह के ऊपर रख दिया और अपना मुँह अमित के लंड के पास ले आई । अमित अभी भी चड्डी में ही था तो मैंने उसकी चड्डी उतार कर अलग रख दी ।
अमित का लंड पूरा खड़ा था और वो हल्का सा गीला भी था। सैयद आज ज्यादा उत्तेजना के कारण उसके साथ ऐसा हुआ था । मैंने अमित के लंड को अपने हाथ में लिया और उसे सहलाने लगी । चूत गांड लंड चुसाई तभी अमित ने मेरी चूत और गांड को चाटना शुरू कर दिया । अब वो अपनी जीभ से मेरी गांड के छेद को भी कुरेदने लगा पर फिर थोड़ी देर बाद ही वो वापस मेरी चूत को चाटने लगा ।
मैं अभी भी अमित के लंड को अपने हाथों से सहला रही थी। अमित के लंड के गीला होने की वजह से मेरा हाथ भी गीला हो गया था । फिर मैंने अमित के लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी । थोड़ी देर बाद हम दोनों के बदन साथ में अकड़ने लगे और हम साथ में ही झड़ने लगे ।
झड़ते वक्त मैंने अमित के लंड को अपने मुख से निकाल दिया था जिससे उसके वीर्य की धार मेरे चेहरे और हाथ पर जा गिरी । मेरा पूरा चेहरा अमित के वीर्य से गीला हो गया था। और मैंने भी झड़ते समय अपनी चूत को अमित के मुँह पर लगा दिया था जिससे अमित का मुँह भी गीला हो गया था । अब हम दोनों उठे और उठकर अपना चेहरा साफ करने लगे ।
मैंने अमित से बोला- आज तो तूने मुझे पूरा बिगाड़ कर रख दिया ।
अमित भी मेरी बात का जवाब देते हुए बोला- मम्मा… आपने ही मेरे लंड को अपने मुंह से बाहर निकाल दिया था तो इसमें मेरी क्या गलती है? और आपने भी तो मेरा चेहरा बिगाड़ दिया है । फिर अमित ने मुझे उठा कर सिंक के पास लगे स्टैंड पर बैठा दिया। जो कि उसकी कमर के बराबर लंबाई में था। मैं वहाँ पर ठीक से बैठ गई पर नंगी होने के कारण मेरी गदराई हुई गांड स्टैंड के ठंडा होने के कारण ठंडी होने लगी ।
मैंने अमित से बोला- रोहन, ये स्टैंड मुझे बहुत ठंडा सा लग रहा है ।
अमित बोला- मम्मी आप इतनी गर्म हो फिर भी स्टैंड के कारण ठंडी हो रही हो? अभी शुरू में थोड़ा ठंडा लगेगा बस ।
फिर अमित वैसे ही मुझसे लिपट गया और मुझे चूमने लगा । अमित का लंड जो बैठ चुका था, फिर से खड़ा होने लगा था । मैंने अमित के लंड को अपने हाथ से सहलाना शुरू कर दिया, फिर मैं लंड पर थूक लगाकर उसे मलने लगी । जब अमित का लंड पूरा तन गया तो वो अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा ।
मैंने स्टैंड पर बैठे हुए ही अपने दोनों हाथों से अमित के कंधों को पकड़ लिया । मेरी चूत झड़ने के कारण पहले से ही काफी गीली थी और अमित ने भी एक ही धक्के के साथ अपने लंड को मेरी चूत में उतार दिया । मैं दर्द के कारण कराहने लगी- आहह हहह… उहह हहह… रोहन… आराम से कर ना… मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ… ओहहह… अमित ने मेरी बात मानते हुए फिर आराम से धक्के देने शुरू कर दिए ।
मैं भी अमित का खुलकर साथ दे रही थी- आह… उफ़्फ़… रोहन… चोद… मुझे… फ़क मी… आहहह.. चोद… अपनी… माँ… को… आहाह… अमित भी पूरे जोश के साथ मेरी चुदाई कर रहा था, वो अपने लंड को बाहर निकाल कर उसे वापस चूत की गहराई में उतार देता था । अमित के लगातार चोदने की वजह से हमारे शरीर काफी गर्म होने लगे थे और अमित भी काफी गर्म हो रहा था तो उसने ऊपर लगे शावर को चला दिया और उसे हमारी तरफ कर दिया ।
पानी की गिरती हुई ठंडी बूँदे हमारे शरीर को भिगो रही थी । मेरे गोरे बदन पर पानी की बूंदों से धार बहने लगी थी। मेरे नंगे बदन को गीला देखकर अमित काफी उत्तेजित हो गया था । थोड़ी देर तक इसी तरह चुदने के बाद मेरा बदन अकड़ने लगा, मैं अपने चरम पर थी और अब झड़ने वाली थी । मैंने अपने दोनों हाथों से अमित की पीठ को जकड़ लिया और अपनी कमर को स्टैंड से ऊपर उठाते हुए झड़ने लगी- आहह… रोहन… मैं… झड़ने.. वाली.. हूँ… बेटे.. अमित ने भी अपने धक्कों को और बढ़ा दिया और मैं चिल्लाते हुए झड़ने लगी- रोहन… मैं… गई… आहाहह हहह… उफ्फ… मैं अभी भी स्टैंड पर ही बैठी थी और मेरी चूत से मेरा पानी बाहर आ रहा था जो पानी के कारण बहने लगा था । अमित अभी भी पूरे दम से मुझे चोद रहा था, बाथरूम भी अब फच…फच…की आवाज से गूँजने लगा था । चुदाई के कारण बाथरूम में एक अजीब सी खुशबू आने लगी थी ।
मैं भी अमित के हर धक्के का जवाब अपनी कमर उचका कर दे रही थी । मैंने भी अपनी कमर से अमित के लंड पर दबाब बनाना शुरू कर दिया था । थोड़ी देर तक चोदने के बाद अमित बोला- मम्मी मैं भी झड़ने वाला हूँ… कहाँ निकालूँ अपना पानी…
मैंने कहा- अंदर ही निकाल दे अपना पानी !
फिर अमित ने तेज धक्कों के साथ ही मेरी चूत में झड़ना शुरू कर दिया- ये… लो.. मम्मी… आहहह… मेरा… वीर्य… अपनी.. चूत.. के अंदर… आहाहहह…
अमित का गर्म वीर्य मेरी चूत को सराबोर कर रहा था और वो मुझसे लिपट कर मेरी चूत में झड़ रहा था । थोड़ी देर वैसे ही हम एक दूसरे से लिपट रहे और फिर हम दोनों ने एक दूसरे के बदन को साफ किया और फिर आपस में चिपक कर नहाने लगे । हम अभी भी एक दूसरे के बदन के साथ खेल रहे थे ।
फिर हम दोनों नहाकर मेरे बैडरूम में आए, हम दोनों बिल्कुल नंगे थे । मैं अलमारी की तरफ जाकर कपड़े पहनने लगी, अमित अभी भी नंगा बेड पर लेटा हुआ था तो उसने मुझे कपड़े पहनने से रोक लिया और अपनी तरफ खींच लिया । उसने मुझे बेड पर गिरा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरे मम्मों को दबाते हुए बोला- मम्मी… अब अगले सात दिन तक जब तक मैं घर पर रहूँगा आप नंगी ही रहोगी बिना कपड़ों के…
मैंने कहा- अच्छा ठीक है पर अन्नू भी तो रहेगी ना घर पर…
तो अमित बोला- जब अन्नू आ जाया करे तब आप कपड़े पहन सकती हो । अमित का लंड फिर से खड़ा हो चुका था और वो अगली चुदाई के लिए भी तैयार था तो उसने ज्यादा देर ना करते हुए मुझे फिर से चोदना शुरू कर दिया ।
अमित ने मुझे दो बार चोदा और रात को भी वो मेरे साथ सोता था और पूरी रात हम मस्ती करते थे । कभी वो मेरी चूत में तो कभी गांड में लंड डाल कर चुदाई करता था और कभी मेरे मम्मों को भी चोदता था । दो दिन की चुदाई के बाद मुझे याद आया कि हमने बिना कंडोम के सेक्स किया, अगर मैं प्रेग्नेंट हो गई तो ?
मैंने अमित को सारी बात बताई तो वो मेरे लिए टेबलेट ले आया और फिर हम वापस वैसे ही एन्जॉय करने लगे 

You May Also Like

Ghar ki Gaand - 6

Main didi ke hath se moisturizer ki bottle li, aur didi ki bur ko moisturize karne laga. Ab didi bhi khul kar mera sath…

Ghar ki Gaand - 7

Behanchod tu hai hi, lekin mere muh me apna muth mat gira dena, Pinki bata rahi thi ki uske bhaiya ne jabardasti usko b…

Comments