Maa aur Beta - 11

Views: 64 Category: Family Sex By RaatKiBaat Published: May 07, 2025

Previous Part : Maa aur Beta - 10

अगले दिन सुबह मैं जल्दी उठ गई और फिर सब लोगों को उठा दिया, हम सब लोग तैयार हुए और फिर अभिषेक हम सब को रेलवे स्टेशन छोड़ आए. हमारी ट्रेन सुबह छह बजे थी.
थोड़ी देर बाद ट्रेन आ गई और हम लोग ट्रेन में बैठ गए । रात को दस बजे हमारी ट्रेन नैनीताल पहुँच गई… हमने वहां से टैक्सी बुक की और अपने होटल में पहुंच गए. अनिल ने होटल ऑनलाइन ही बुक किये थे तो हमें जाते ही वहाँ तीन कमरे मिल गए ।
हमने अपने अपने कमरे चुन लिए. स्वाति और अनिल एक कमरे में… कपिल और रोहित एक कमरे में थे और रोहन, अन्नू और मैं… हम तीनों एक ही कमरे में रुक गए क्योंकि हमारा रूम थोड़ा बड़ा था ।
सफर के कारण हम लोग पसीने से नहा रहे थे… तभी कपिल हमारे कमरे में आया, बोला- चलो, सब लोग स्वीमिंगपूल में नहाने चलते हैं ।
मैंने कपिल से कहा- कहाँ है पूल… और इतनी रात को कौन-कौन जा रहा है ?
कपिल ने कहा- अरे चाची जी… यहीं होटल में ही है… और सब लोग नहाने जा रहे हैं… आप भी चलो ।
मैंने कहा- नहीं… मैं नहीं जा रही… तुम लोग जाओ ।
सब लोग जाने के लिए तैयार हो गए और मुझसे भी चलने के लिए जिद करने लगे तो मैंने सभी को समझाते हुए कहा- ना ही मेरे पास स्विमिंग कॉस्ट्यूम है और ना ही मुझे तैरना आता है..
तभी स्वाति और अनिल मेरे रूम में आ गए ।
अनिल ने मुझसे कहा- आपको जो ठीक लगे… आप वह पहन कर चल सकती हैं… और हम लोग तो बस वहां मस्ती करने जा रहे हैं! अनिल के कहने पर मैं भी चलने के लिए तैयार हो गई ।
सब लोग चलने के लिए तैयार थे… रोहन, आलोक, रोहित और अनिल सभी ने केवल हाफ पैंट ही पहने हुए थे… अन्नू ने भी एक टी-शर्ट और एक हॉट पैंट पहना हुआ था… स्वाति भी टी-शर्ट और कैपरी में थी ।
मेरे पास पहनने के लिए केवल एक गाउन ही था जो मुझे रात मैं पहनना था. मैंने स्वाति को अपनी यह दुविधा बताई तो स्वाति ने अपनी एक नाइटी लाकर मुझे दे दी और मुझे वह पहनने के लिए कहा ।
स्वाति की नाइटी केवल घुटनों तक ही थी और आर्मलेस थी… उस नाइटी को कमर पर बांधने के लिए एक रिबन लगी हुई थी. बच्चों के सामने इसे पहनने में मुझे थोड़ी हिचकिचाहट हो रही थी… पर बच्चों को इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं थी ।
हम सब रूम से निकलकर स्विमिंग पूल पहुंच गए और फिर सब लोग पूल में उतर कर नहाने लगे… रात के समय केवल हम लोग ही पूल में नहा रहे थे, और कोई नहीं था… बस पास में बेंच पर एक आदमी बैठा हुआ था.
हम सब लोग पूल में नहाने लगे, हम सब लोग साथ में ही नहा रहे थे । सब लोग पूरी तरह से गीले थे… गीली होने की वजह से मेरी नाइटी मेरे शरीर से बिल्कुल चिपक गई… मेरे साथ साथ अन्नू और स्वाति दोनों की टीशर्ट भी उनके मम्मों से चिपकी हुई थी जिसमें से हम सभी के उभार साफ नजर आ रहे थे.
तभी कपिल और अमित दोनों ने हम लोगों के पास आकर हमें पानी में इधर-उधर खींचना शुरू कर दिया और मेरे साथ मस्ती करने लगे ।
अमित भी मेरे पास आया और मुझसे कहा- मम्मी… मैं आपको तैरना सिखाता हूँ ।
मैंने कहा- हां… ठीक है.. जब तक हम इस होटल में हैं, तुम लोग मुझे तैरना सिखा दो ।
अमित मेरे पीछे आ गया और वह मुझसे चिपक कर खड़ा हो गया. अमित का लंड भी टाइट हो गया था और फिर वो अपने लंड को मेरी गांड पर घिसने लगा… हम लोग चार फीट गहरे पानी में थे… पानी में होने की वजह से ना किसी को कुछ दिख रहा था… ना ही कुछ समझ आ रहा था ।
अमित ने मुझे मेरे हाथ फैलाने के लिए कहा… फिर अमित ने अपने एक हाथ को मेरी कमर पर रखा और दूसरे हाथ से मेरे हाथ को पकड़ लिया… फिर वह मुझे तैरना सिखाने लगा… अमित पीछे से अपने लंड से बॉक्सर में ही मेरी गांड पर झटके देने लगा ।
मैंने अमित से धीरे से कहा- अभी रुक जाओ…यह सही वक्त नहीं है कोई देख लेगा…
अमित भी हल्के स्वर में बोला- मम्मी, आप बस तैरने पर अपना ध्यान लगाओ बाकी सब मुझ पर छोड़ दो… और फिर वो झटकों के साथ साथ मुझे पानी के अंदर हाथ पैर चलाना सिखाने लगा ।
तभी मेरी नज़र सामने बैंच पर बैठे उस आदमी पर गई जो कि शुरू से ही हम लोगों को नहाते हुए देख रहा था… उस आदमी की नज़र मेरी और और लड़कियों की तरफ ही थी ।
तभी हम दोनों की नज़रें आपस मे टकरा गई… और वो मेरी तरफ घूरते हुए मुस्कुरा दिया. जवाब में मैंने उस आदमी से नज़र हटा ली.
अमित मेरे पीछे ही था और मेरे हाथों को पकड़ा हुआ था…तभी उसके झटके तेज हो गए और वो झड़ने लगा ।
मैंने अमित से कहा- अमित खाली हो गया क्या तेरा ?
तो अमित ने कहा- हाँ मम्मी, मुझसे कंट्रोल ही नहीं हुआ…
उत्तेजना के कारण मेरी चूत भी पानी छोड़ रही थी ।
ग्यारह बजने को थे… फिर हम लोग पूल से वापस अपने अपने रूम में आ गए. अन्नू अमित और मैं तीनों ही गीले थे. रूम में आकर हम लोग खुद को पौंछने लगे. तब तक अन्नू बाथरूम से कपड़े बदलकर आ गई और फिर स्वाति के रूम में चली गई ।
अब मैं और अमित ही रूम में बचे थे, अमित ने अन्नू के जाते ही गेट को लॉक कर दिया और मेरे हाथ से टॉवल लेकर बिस्तर पर फेंक दिया. मैं कुछ बोलती, उससे पहले ही अमित ने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया… फिर अमित ने मेरी नाइटी को खोलकर उतार दिया ।
मैं बस ब्रा और पैंटी में ही खड़ी थी. मेरे होंठ अमित की गिरफ्त से छूटते ही मैंने अमित से कहा- अमित बेटा, तू तो इतना उतावला हो रहा है जैसे मैंने कभी तुझे चोदने ही नहीं दिया ।
अमित बोला- ऐसी बात नहीं है मम्मी… आज जब से आपको पूल में नहाती हुई देखा है.. मुझसे रहा ही नहीं जा रहा ।
मैंने हँसते हुए अमित को अपने गले से लगा लिया. अमित के दोनों हाथ मेरी कमर से होते हुए मेरी पीठ पर लिपटे हुए थे, मैंने अमित से कहा- मेरा राजा बेटा अपनी मम्मी से इतना प्यार करता है ? अमित ने हां में सर हिला दिया ।
तभी अमित ने पीछे से ही मेरी ब्रा के हुक को खोल दिया और मेरी ब्रा को खींचता हुआ मुझसे दूर हो गया. मैं अधनंगी थी और अपने स्तनों को देखने लगी… फिर मैंने अमित की तरफ देखते हुए उसे कहा- रोहन, बहुत शरारती हो गया है तू ? और फिर हम दोनों हँसने लगे ।
हम दोनों अभी भी गीले थे… अमित मेरे पास आया और मेरे मम्मों पर एक चुम्मी देते हुए मेरी पैंटी को भी उतार दिया… मेरी नाइटी, ब्रा और पैंटी वही जमीन पर पड़ी हुई थी… मैं बिल्कुल नंगी अमित के सामने खड़ी थी और फिर अमित टॉवल लेकर मेरे नंगे शरीर को पौंछने लगा.
फिर मैंने भी झुककर अमित की हाफ पैंट को उतार दिया… और फिर अमित की चड्डी को भी उतार दिया.
कपड़ों से आजाद होते ही अमित का लण्ड फनफनाने लगा । पूल में झड़ने की वजह से अमित की चड्डी और उसका लण्ड दोनों ही उसके वीर्य से लथपथ थे.
मैं जमीन पर घुटनों के बल बैठ गई और मैंने अमित के गीले लण्ड को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया… वीर्य के कारण लण्ड का स्वाद काफी अच्छा लग रहा था ।
फिर हम दोनों उठ कर बिस्तर पर लेट गए, अमित मेरे ऊपर आकर आकर 69 की पोजीशन में लेट गया… फिर अमित ने मेरी चूत को चाटना और चूसना शुरू कर दिया.
अमित का लण्ड मेरे मुंह के सामने था तो मैंने भी अमित के लण्ड को अपने मुंह मे भर लिया और उसे चूसने लगी. अमित ने उत्तेजित होकर अपने लण्ड से मेरे मुंह को चोदना शुरू कर दिया ।
अमित अपनी जीभ को मेरी चूत के अंदर बाहर कर रहा था… मेरी चूत काफी देर से पानी छोड़ रही थी तो मैं ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई और झड़ने लगी… मेरी चूत से रस की धार बहने लगी जिसे अमित ने चाटना शुरू कर दिया ।
चूत चाटने के बाद अमित मेरे ऊपर से उठ गया और अपना लण्ड मेरे मुँह से बाहर निकाल कर अपने हाथों से पकड़कर सहलाते हुए मुझसे बोला- मम्मी… अब बताओ, किस पोजीशन में चुदना पसंद करोगी आप ?
मैंने अमित से बिना कुछ कहे अपनी दोनों टांगों को फैला दिया… अमित को मैंने चुदाई का काफी ज्ञान दिया है… अब वो काफी अनुभवी हो गया है.
मेरे टाँगें फैलाते ही वो मुस्कुराते हुए मेरी टांगों के बीच आकर घुटनों के बल बैठ गया और फिर मेरी दोनों टाँगों को पकड़कर अपनी कमर के बगल में ले गया. इससे मेरी दोनों जाँघें अमित की कमर पर टिक गई और मेरी कमर बिस्तर से थोड़ी ऊपर हवा में झूलने लगी ।
अमित ने देरी न करते हुए अपने लण्ड को मेरी चूत पर टिकाया और एक जोरदार धक्के के साथ अपना करीब सात इंच लम्बा और दो इंच मोटा लण्ड मेरी चूत में उतार दिया जो सीधा मेरी बच्चेदानी से जा टकराया.
अमित के इस धक्के के साथ मैं भी चीखते हुए आगे गिर पड़ी ।
मैंने दर्द में चीखते हुए अमित से कहा- उइईईई…माँ… मर गई…मैं… रोहन… तेरी माँ हू मैं… कोई किराये की वेश्या नहीं हूँ जो इतनी बेदर्दी से धक्के मार रहा है… उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह्ह…मम्मा…
अमित ने कहा- सॉरी मम्मी… आज मैं बहुत हॉर्नी हो रहा हूँ… अगर मुझे पता होता कि आपको दर्द होगा तो मैं धीरे से ही धक्के मारता !
इतना बोलकर अमित ने मुझे चोदना शुरू कर दिया ।
अमित का लण्ड मेरी चूत की गहराई को छूता हुआ वापस बाहर आकर दोबारा मेरी चूत की गहराई में उतर जाता. मैं भी अमित के हर धक्कों पर अपनी कमर उछाल कर अमित को ओर उत्तेजित कर रही थी ।
अमित लगातार मेरी चूत के अंदर अपने लण्ड से वार कर रहा था… मैं भी चुदाई का मजा लेते हुए सिसकार रही थी- आहह… रोहन… बस ऐसे ही… चोद मुझे…चोद दे… मेरी चूत को अपने इस मोटे लंड से… और ज़ोर से… और ज़ोर से… हाँ बेटा.. ऐसे ही… बस ऐसे ही चोद मुझे… आहहहह… रोहन.. मेरे लाल… चोद डाल अपनी मम्मी को… आहह…
तभी अमित ने मेरे मटकते हुए पेट को चाटना शुरू कर दिया और फिर मेरी नाभि में थूक दिया और फिर मेरी नाभि को चाटते हुए नाभि को जीभ से कुरेदने लगा.
ये सब मुझे काफी उत्तेजित कर रहा था ।
कुछ देर की चुदाई के बाद मैं झड़ने को हुई तो मैं अमित से बोली- उफफ्फ़… रोहन… ओह्ह… माय्य… गॉडड… फ़क्क… मीईई… रोहन… मैं झड़ने वाली हूँ… उफ्फ़… आहह… चोद दे अपनी माँ की चूत… और फिर मैं झड़ने लगी ।
अमित अभी तक मेरी चुदाई कर रहा था पर मैं थक चुकी थी, मैंने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया. अमित समझ गया था कि मैं अब थक चुकी हूँ तो उसने अपना लण्ड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया ।
अमित मुझसे बोला- मम्मी… बहुत दिनों से मैंने आपकी गांड नहीं मारी है… और फिर उसने अपना लण्ड वैसे ही मेरी चूत से निकालकर मेरी गांड के छेद पर लगाया और फिर अपने लण्ड को मेरी गांड में डालने लगा ।
अमित का लण्ड गीला था… पर मेरी गांड भी कसी हुई थी क्योंकि मैं कभी कभार ही अपनी गांड के अंदर लण्ड लेती हूँ ।
गीला होने की वजह से अमित के लण्ड का सुपारा तो अंदर चला गया पर मेरी कसी हुई गांड में लंड को और अंदर डालने के चक्कर में अमित झड़ने लगा… झड़ते वक्त अमित ने अपना शरीर मेरे ऊपर रख दिया और ऊपर से ही गांड पर झटके देने लगा ।
सुपारा अंदर होने की वजह से अमित का वीर्य मेरी गांड के अंदर ही भर गया. झड़ने के बाद अमित ने अपने लंड को बाहर खींच लिया और मेरी बगल में आकर लेट गया.
अमित के लंड निकालते ही उसका वीर्य मेरी गांड से बहकर बाहर आने लगा जिसे रोकने के लिए मैं उलटी होकर लेट गई । हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर लेटे हुए थे… अमित मुझसे आकर चिपक गया और मेरे बालों को हाथ से सहलाने लगा ।
मैंने अमित से कहा- रोहन… भर गया तेरा मन… या अभी भी कुछ बचा है… और आज तो गांड मारने से पहले ही तू आउट हो गया ।
अमित ने कहा- आपकी गांड बहुत कसी हुई है मम्मी… और मैं तब ही झड़ने वाला था जब मैंने आपकी चूत से लण्ड निकाला था ।
फिर मैंने अमित से कपड़े पहनने के लिए कहा और मैं खुद को साफ करने के लिए नंगी ही उठकर बाथरूम जाने लगी ।
अमित ने अपने साफ कपड़े पहन लिए और मैं जमीन से सभी कपड़े उठाकर बाथरूम चली गई. अमित का वीर्य मेरी गांड से निकलकर मेरी जांघों पर आ रहा था.
मैं शावर चालू करके उसके नीचे नहाने लगी. तभी मुझे रूम की घंटी की आवाज़ सुनाई दी.. पर मैंने उस पर गौर नहीं किया ।
मुझे नहाने में थोड़ी देर लग गई… नहाने के बाद मुझे याद आया कि जल्दी में मैं अपनी ब्रा, पैंटी और गाउन बाहर ही छोड़ आई हूँ… तो मैंने अमित को आवाज़ लगाते हुए कहा- रोहन, मेरे कपड़े बैग पर ही रह गए है… जरा मुझे दे तो जा ?
मैं बिल्कुल नंगी गीली ही खड़ी थी… अपने बदन को पौंछने के लिए मेरे पास टॉवल भी नहीं था… तभी बाथरूम के गेट पर दस्तक हुई ।
मैंने तुरंत ही दरवाज़ा खोल दिया…और सामने रोहित मेरे कपड़े लिए हुए खड़ा था… मैं बिल्कुल नंगी उसकी आँखों के सामने खड़ी थी और उसकी नज़र मेरे नंगे बदन पर टिकी थी ।
रोहित को सामने देख मैं घबरा गई और गेट के पीछे चली गई… मैंने गेट के पीछे से ही अपने एक हाथ से रोहित से कपड़े ले लिए और फिर गेट बंद कर दिया ।
मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और बाहर आ गई. रोहित वहीं बेड पर बैठा हुआ था.
अभी जो हुआ था… उसके बारे में कुछ भी बात करने के लिए नहीं था… और हम दोनों नज़रें भी नहीं मिला पा रहे थे पर फिर भी मैंने रोहित से पूछा- अमित कहाँ है ?
रोहित ने कहा- वो कपिल भैया के साथ गया है ।
इससे पहले कि मैं उससे कुछ कहती, अमित और अन्नू रूम में आ गए… फिर मैंने रोहित से कोई बात नहीं की. कुछ देर बाद रोहित अपने रूम में चला गया और फिर हम तीनों भी सो गए.
मैं बिस्तर के कोने से सो रही थी… अन्नू बीच में थी और अमित दूसरे कोने पर ! मुझे नींद नहीं आ रही थी… मैं तो बस यही सोच रही थी ‘जाने रोहित क्या सोच रहा होगा…उसे भी खुद पर ग्लानि हो रही होगी ?’
वैसे अमित और रोहित हर बात आपस मे शेयर करते है तो मैंने सोचा कि कल में अमित से इस घटना के बारे में बात करुँगी. यही सब सोचते सोचते मैं सो गई ।
आगे की कहानी अगले भाग में…

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