Bhopal Me Training-2

Views: 26 Category: Jija-Sali By urmila@raatkibaat Published: August 20, 2025

📚 Series: Bhopal Me Training

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इसके बाद मैं उसके पास जाकर बैठ गई और उसका एक हाथ अपने हाथों में ले कर पूछा कि वह हैरान परेशान क्यों है?

तो उसने कहा कि उसे समझ नहीं आ रहा कि कुछ देर पहले यह सब क्या और कैसे हुआ था!

उसने मुझसे पूछा कि मैंने उसका लौड़ा पहले कब देखा था तो मैंने उसे बताया कि जब वे लोग मेरे यहाँ आये थे तब उन्हें चुदाई करते हुए देखा था और मैंने उठ कर अपने कमरे वाला दरवाज़ा खोल कर उसे की-होल के बारे में सब बताया !

कमल मेरी बात सुन कर थोड़ा शरमाया और फिर मुस्करा कर कहा- दीदी, आप बहुत ही शातिर हैं !

फिर उसने मुझसे कहा- आपने मुझे और अर्ची को नग्न रूप में चुदाई करते हुए देख लिया, और अब मेरा लौड़ा चूस कर उसका रस भी पी लिया लेकिन मुझे अभी तक अपने किसी भी अंग के दर्शन नहीं कराये?

तब मैंने उसे इशारा किया कि इसके लिए उसे ही मेहनत करनी पड़ेगी और मैं कमरे के बीच में आँखें बंद करके खड़ी हो गई ! कमल उठ कर मेरे पास आया और मेरी नाइटी को ऊपर उठा कर उतार दिया। नाइटी के नीचे मुझे बिल्कुल नग्न पा कर वह मेरी मंशा समझ गया कि मैं इस अवसर के लिए पहले से ही तैयार हो कर आई हूँ !

उसने मेरी नाइटी को वहीं फेंक कर मुझे अपनी गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया तथा मेरे करीब ही बैठ गया। वह अपने हाथ मेरी चूचियों पर फेरने लगा और अंगूठे तथा उंगली के बीच में घुंडियों को पकड़ कर मसलने लगा। फिर उसने अपना एक हाथ मेरी चूत के बालों पर रखा और अपने एक उंगली से मेरे छोले को रगड़ने और बड़ी उंगली को मेरी चूत के अंदर डाल कर हिलाने लगा।

मैं तो लौड़ा चूसने के समय से गर्म थी, कमल की उँगलबाजी से मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गई, मेरे से रहा नहीं गया तो मैंने उसकी लुंगी खोल दी और उसके लौड़े को पकड़ कर मसलने लगी। एक मिनट में ही उसका लौड़ा तन कर फौलाद का हो गया, तब मैं ऊँची हो कर कमल के लौड़े को मुँह में लेने की कोशिश करने लगी, यह देख कमल उल्टा हो कर लेट गया और मेरी चूत में मुँह रख कर छोले को चाटने लगा और जीभ को चूत की गली में घुसाने और निकालने लगा।

मैं भी उसके लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी। पांच मिनट के बाद जब मैं बहुत गर्म हो गई और मेरे मुँह से आहंह्ह… आहंह्ह… उहंह्ह… उहंह्ह्ह… आवाजें निकली और मेरी चूत ने सिकुड़ कर पानी छोड़ दिया। कमल ने सारा पानी पी लिया, चूत को चाट कर साफ़ कर दिया।

क्योंकि मैं काफी उत्तेजित हो चुकी थी इसलिए मैंने उसे मेरी चुदाई करने का आग्रह किया। तब वह उठ कर मेरी टांगों के बीच में बैठ गया और मेरी चूत को देखने लगा।

मैंने पूछा- तुम मेरी चूत को क्यों घूर रहे हो?

तो उसने बताया कि उसे मेरी चूत बिल्कुल अर्ची की चूत जैसी ही लग रही थी बल्कि उससे भी कुछ संकरी लग रही थी और उसके लौड़े के चुदाई से कहीं फट गई और खून निकलने लगा तो क्या करेंगे।

यह सुन कर मुझे हंसी आ गई और मैंने कहा- अगर मेरी चूत अर्ची की चूत की जैसी है तो जैसे उसकी नहीं फटी वैसे मेरी भी नहीं फटेगी, और अगर अर्ची की चूत में उसका लौड़ा समां गया था तो उसी तरह मेरी चूत में भी समां जाएगा !

मैं उसके आठ इंच के लौड़े को अन्दर लेने के लिए बेताब थी इसलिए मैंने उसे चुदाई के लिए उकसाया तब उसने धीरे से मेरी चूत के मुँह पर लौड़े को रखा और एक ही झटके में सुपारा अन्दर घुसेड़ दिया !

उसके ढाई इंच मोटे सुपारे के लिए मेरी चूत काफी तंग थी, जैसे नई चूत हो और पहली बार चुद रही हो ! मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं चीख उठी ऊईई ममाँआआ… म्म्म्मरर्र… गईई… हाएए… मेरीईइ… फटगईई… आहंहह्ह… उहंहह्ह… मार डाला !

मेरी चीखें सुन कर कमल रुक गया और मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मुझे चुम्बन करता रहा !

जब मैं शांत हो गई तब उसने दूसरा झटका मारा और आधा लौड़ा मेरे अंदर घुसेड़ दिया, मुझे एक बार फिर बहुत ही तीखा दर्द हुआ और एक बार फिर मेरी चीखें निकलने लगी ऊई ईई ममाँआआ… म्म्मरर्र… गईई… हाएए… मेरीई ईइ… फटगईई… आहंह्ह… उहंह्ह्ह…!

कमल थोड़ी देर फिर रुका और जैसे ही मेरी सांस में सांस आई उसने एक और झटका लगा कर लौड़े को पूरा मेरी चूत के अंदर पहुंचा दिया। इस बार तो मेरी चूत में अत्यंत ही तीखा दर्द हुआ और मैं दर्द के मारे तड़प उठी, मेरे पसीने छूटने लगे, मेरी आँखों में से पानी निकल आया, मेरा पूरा बदन कांपने लगा और मेरी चीखें पूरे कमरे में गूंजने लगी ! कमल झट से मेरे ऊपर लेट गया और मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मेरी चीखों को चुप करा दिया !

पांच मिनट वैसे ही लेटे रहने के बाद मैंने अपने होश में आई और कमल से आगे बढ़ने को कहा, तब उसने धीरे धीरे हिलना शुरू किया और बहुत ही प्यार से लौड़े को चूत के अंदर बाहर करने लगा ! उसका लौड़ा मेरी कसी चूत में बुरी तरह से फंसा हुआ था इसलिए बहुत ही अच्छी रगड़ मार रहा था जिससे मुझे बहुत मज़े आने लगे थे !

जब मेरी चूत सिकुड़ने लगी तो मैं बोल उठी- कमल, मजा आ रहा है ज़रा तेजी से करो, ज़रा जल्दी जल्दी करो !

यह सुन कर कमल चालू हो गया और झटके पे झटके लगाने लगा, उसने मेरे दोनों पैरों को ऊपर उठा अपने कंधों पर रख दिए और झटके लगाता रहा। मेरी चूत में आनंद के लहरें उठने लगी, बार बार गीली होने लगी जिससे लौड़े का अंदर बाहर जाने की रगड़ का आनंद चार गुना हो गया था।

पन्द्रह मिनट की तेज रगड़ाई के बाद कमल का लौड़ा चूत के अंदर ही फड़फड़ाया और मेरी चूत भी जोर से सिकुड़ी, मैं और कमल दोनों एकदम से अकड़ गए और दोनों के मुँह से आहंह्ह… आहंह्ह्ह… उहंहह्ह… उहंहह्ह… की आवाजें निकली ! इसके साथ ही मेरी चूत में बाढ़ आ गई और वह मेरी चूत के पानी और कमल के लौड़े से छूटे रस से लबालब भर गई !

कमल तो इतना आनंदित हुआ कि पागलों की तरह मुझे चूमने लगा और मैं भी उसे बहुत देर तक चूमती रही।

बारह बजने वाले थे इसलिए हम दोनों ने उठ कर एक दूसरे को साफ़ किया और फिर दोनों मेरे कमरे में आ गए !

बेड पर लेट कर कमल मेरी चूचियों को मुँह में लेकर मैं उसके लौड़े को हाथ में पकड़ कर सो गए !

 

कमल तो इतना आनंदित हुआ कि पागलों की तरह मुझे चूमने लगा और मैं भी उसे बहुत देर तक चूमती रही।

बारह बजने वाले थे इसलिए हम दोनों ने उठ कर एक दूसरे को साफ़ किया और फिर दोनों मेरे कमरे में आ गए!

बेड पर लेट कर कमल मेरी चूचियों को मुँह में लेकर, मैं उसके लौड़े को हाथ में पकड़ कर सो गए!

रात दो बजे मेरी नींद खुली, कमल के लौड़े को अपने हाथ में देख कर एक बार फिर चूत मरवाने के लिए ललचा उठी। मैंने कमल को होंठों पर चूम लिया और उसके लौड़े को मुँह में ले कर तेज़ी से चूसने लगी!

एक मिनट में कमल भी जाग गया और उसका लौड़ा भी तन गया। मैंने कमल को सीधा किया और अपनी टाँगें चौड़ी कर के उसके मुँह के ऊपर बैठ गई तथा उसे चूत चूसने को कहा। पांच मिनट चूत चुसवाने के बाद मैं उसके तने हुए लौड़े को चूत में फंसा कर मैं चीखती चिल्लाती हुई उछल उछल कर चुदने लगी !

दस मिनट में ही हम दोनों अकड़ गए और दोनों की चीखों के साथ हमारा रस छूट गया। एक बार फिर मेरी चूत में बाढ़ आ गई थी, जैसे ही मैंने लौड़े को चूत से बाहर निकाला तो चूत के अंदर से सारा रस बाहर निकल कर कमल के ऊपर फ़ैलने लगा। मैंने उस रस को अपने हाथ से कमल के पेट और छाती पर फैला दिया और फिर उसके ऊपर लेट कर अपने आप पर भी उस रस का लेप होने दिया और उसी तरह लेटे लेटे हमें नींद आ गई।

सुबह पांच बजे कमल की नींद खुली तो उसने मुझे अपने ऊपर चिपका हुआ पाया और जब उसने मुझे हटाने की कोशिश की तब मेरी भी नींद खुल गई। मेरे पूछने पर कि वह इतनी जल्दी क्यों उठ गया, उसने अपनी छोटी उंगली उठा कर बताया कि उसे मूत आया है।

मूत तो मुझे भी आया था इसलिए मैं भी उठ कर उसके साथ बाथरूम में चली गई, वहाँ जाकर मैंने कमल का लौड़ा पकड़ कर उसे मूत कराया और इसके बाद मैं पॉट पर बैठ कर मूतने लगी। कमल को मैंने पकड़ कर अपने सामने खड़ा कर लिया था और उसका लौड़ा मुँह में डाल कर चूसने लगी।

कमल ने ऐसा करने से मना किया और कहा कि अगर अब चुदाई करेंगे तो मुझे पछताना पड़ेगा, लेकिन मैं नहीं मानी और उसे मजबूर कर दिया। मूतने के बाद हम कमल के बेड पर जाकर चूसा चुसाई करने लगे और फिर कमल मेरे ऊपर चढ़ गया तथा एक ही झटके में पूरा लौड़ा मेरी चूत के अंदर तक उतार दिया !

उसके बाद कमल ने आक्रमण शुरू कर दिया और राजधानी गाडी की स्पीड से मेरी चुदाई करने लगा। क्योंकि रात में वह तीन बार झड़ चुका था इसलिए उसे इस बार छूटने में देर लग रही थी। मेरी चूत का पांच बार पानी निकलने के बाबजूद भी वह नहीं झड़ा और छटी बार जब मैं झड़ने को थी तब उसका लौड़ा भी फड़फड़ाया और हम दोनों चीखते तथा चिल्लाते हुए एक साथ ही छूटे !

फिर हमने बाथरूम में जा कर एक दूसरे को साफ़ किया और दोनों कमल के बेड पर ही जा कर सो गए!

सुबह आठ बजे जब हमारी नींद खुली तो मैं उठ कर अपने कमरे में जाने लगी, लेकिन मुझसे चला ही नहीं गया ! मेरी चूत और उसके आस पास के क्षेत्र में बहुत जलन हो रही थी। मैंने झुक कर देखा तो पाया कि मेरी चूत सूज कर लाल हो चुकी थी। मैं समझ गई कि कमल ने अपने लौड़े से इसे रगड़ रगड़ कर इसका यह हाल कर दिया है। मैं चूत पर हाथ रख कर, टाँगें चौड़ी करके किसी तरह अपने कमरे में गई और क्रीम लेकर चूत और उसके आस पास के क्षेत्र में लगाई और फिर उसी तरह अपनी टाँगें चौड़ी कर के रसोई में जा कर कमल के लिए नाश्ता बनाया !

कमल तैयार होकर रसोई में आया तो मैंने उसे नाश्ता दिया। तब उसने मेरी हालत देख कर हंस कर बोला कि उसने तो मुझे सावधान किया था कि अगर मैंने चुदाई की जिद नहीं छोड़ी तो मुझे पछताना पड़ सकता है।

जब मैंने पूछा कि उसे कैसे मालूम था कि यह होने वाला है, तो उसने बताया कि शादी के बाद दूसरी रात को अर्ची ने भी बार बार चुदने की जिद की थी और अगले दिन भी उसके साथ भी ऐसा ही हुआ था।

नाश्ता करके कमल मुझे गोद में उठा कर अपने कमरे में ले गया, बेड पर लिटा दिया और मेरी टाँगें चौड़ी करके गीले कपड़े से मेरी चूत और उसके आस पास के क्षेत्र को साफ़ किया। फिर उसने अपने बैग में से एक मलहम की टयूब निकाली और उसमें से मलहम निकाल कर चूत और उसके आसपास के क्षेत्र पर दवाई लगाई। फिर उसने मलहम की टयूब मेरे हाथ में देकर कहा कि मैं दिन में कम से कम तीन बार ज़रूर लगा लूं !

जब मैंने पूछा कि तीन बार क्यों, तो वह तुरंत बोला कि यह जल्द ठीक हो जाएगी और आज रात की चुदाई के लिए भी तैयार हो जाएगी।

दिन भर मैं अपनी चूत को बार बार मलहम लगाती रही और दोपहर तक मुझे आराम भी मिलना शुरू हो गया था लेकिन क्योंकि मुझे रात को चुदने की लालसा थी इसलिए मैं दिल लगा कर दिन भर चूत की देखभाल करती रही !

दो बजे काम वाली के जाने के बाद मैंने एक बार फिर चूत कि सेवा की और रात की नींद पूरी करने के लिए सो गई !

लगभग पांच बजे मैं जागी और चूत पर हाथ लगाया तो उसे बिल्कुल ठीक पाया, सूजन और लाली नहीं थी, उंगली डाल कर देखा तो कोई दर्द और जलन भी नहीं थी !

यह देख कर मुझे बहुत ही खुशी हुई और मेरी रात को होने वाली चुदाई के नज़ारे मेरी आँखों के सामने घूमने लगे। छह बजे जब कमल आया तो सबसे पहले उसने मेरी तकलीफ के बारे में पूछा और फिर मेरा गाउन उठा कर चूत को देखा और हाथ भी फेरा !

इसके बाद उसने झुक कर जोर से मेरी चूत को चूम लिया, जीभ को उसकी गहराइयों में डाला तथा छोले को भी रगड़ दिया। फिर मुझे कस कर अपनी बाजुओं में जकड़ लिया और मेरे होटों को चूमते हुए मुझे बताया कि मेरी चूत बिल्कुल ठीक हो गई थी और रात को दो या तीन बार तो चुद सकती थी !

झांटें साफ़ की

मैंने कॉफी बनाई और हम दोनों ने साथ बैठ कर पी। कमल कॉफी पीकर अपने कमरे में चला गया और मैं रसोई में रात का खाना बनाने लगी। आठ बजे मैं कमल के कमरे में गई तो देखा कि वह अपनी झांटें शेव करने की तैयारी कर रहा था और यह देख कर मुझे भी अपनी झांटें साफ़ करने का ख्याल आया !

मैंने कमल से कहा कि मैं उसकी झांटे साफ़ कर देती हूँ लेकिन उसे भी मेरी झांटें शेव करनी होंगी !

यह कह कर मैंने उसके हाथ से शेविंग ब्रुश लेकर उसकी झांटों पर शेविंग क्रीम लगा दी, फिर रेजर लेकर उसके लौड़े तथा टट्टों की सारी झांटें साफ़ कर दी और उसे चिकना बना दिया। इसके बाद मैं अपनी टाँगें फैला कर कमल के सामने बैठ गई और शेविंग ब्रुश उसके हाथ में दे दिया। कमल ने बड़े प्यार से मेरी चूत की झांटें साफ़ कर दी और उसे बिल्कुल गंजी कर दिया !

कमल ने एक बार मेरी गंजी चूत को कस कर चूमा और अपना चिकना लौड़ा मुझे चूमने दिया ! इसके बाद हमने खाना खाया और थोड़ी देर गार्डन में घूमने गए तथा साढ़े नौ बजे तक हम अंदर कमल के कमरे में आ गये !

कमरे में आते ही मैंने कमल के और कमल ने मेरे सारे कपड़े उतारे, दोनों नंगे हो कर एक दूसरे से लिपट गए और एक दूसरे को चूसने लगे !

कमल ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी चूचियों को चूसने लगा, मैं उसके लौड़े को पकड़ कर मसलने तथा मरोड़ने लगी।इसके बाद कमल पलट गया और मेरी चूत को चाटने-चूसने लगा तथा मैं उसके लौड़े को !
कुछ ही देर में मेरा पानी छूट गया, तब कमल ने मुझे नीचे खड़ा कर के, मेरा ऊपर का हिस्सा बेड पर झुका कर घोड़ी बना दिया और मेरे पीछे खड़ा होकर मेरी चूत का मुँह खोला और उसमे अपने लौड़े को सेट करके धक्का दिया। पहले धक्के में कमल का आधा लौड़ा मेरी चूत के अंदर चला गया और दूसरे धक्के में पूरा लौड़ा अंदर चला गया !

मेरी चूत अब कमल के लौड़े के आकार की आदि होने लगी थी इसलिए मेरे मुँह से सिर्फ हल्की हल्की सी चीख निकली और मेरी चूत बड़े आराम से कमल के लौड़े को गप कर गई।

फिर कमल ने आहिस्ते आहिस्ते धक्के देने शुरू कर दिए, मैंने भी उसके साथ हिलना शुरू कर दिया ! पांच मिनट के बाद वह तेज धक्के देने लगा, तब मैं भी उसकी स्पीड के साथ मेल करते हुए तेजी से हिलने लगी और हमारे मुँह से आह्ह… आह्ह… और उंहह्ह्ह्… उंहह्ह्ह… की आवाजें निकलनी शुरू हो गईं। कमल को तेज चुदाई करते हुए जब दस मिनट बीत गए तब मैंने कमल को पुरजोर तेज धक्के लगाने को कहा !

मेरे कहने पर कमल बहुत तेज़ी से धक्के लगाने लगा और कमरे में हम दोनों की आह्ह्ह… आह्ह्ह… उंहह… उंहह्ह… आह्ह्ह… उंहह्ह्… आह्ह्ह… उंहह… की आवाजें गूंजने लगी। अचानक मेरी चूत सिकुड़ने लगी और कमल का लौड़ा भी फूलने लगा !

देखते ही देखते हम दोनों एक दूसरे की रगड़ से उत्तेजित होने लगे, कमल मुझे पूरे जोर शोर और तेज़ी से चोदने लगा। दो मिनट में ही मैं एकदम से अकड़ गई और जोर से चिल्लाई- उंहह्ह्ह… उंहह्ह्ह.. ओह्ह… मैं तो गई.. मैं तो गईई.. गईईई.. गईई..!

इसके बाद मेरी चूत ने कमल के लौड़े को बहुत कस कर जकड़ लिया और अंदर खींच लिया तथा अपना पानी छोड़ दिया।उसी समय कमल का लौड़ा भी फड़का और उसकी पिचकारी की छह-सात धारा छूटीं !

देखते ही देखते मेरी चूत हम दोनों के रस से लबालब भर गई और रस बाहर भी बहने लगा !

बदन के अकड़ने और चूत में खिंचाव की वजह से मेरी टाँगें कांपने लगी थी, जिससे कमल का लौड़ा बाहर आ गया और मैं वहीं नीचे जमीन पर ही बैठ गई। कमल भी मेरे पास बैठ गया और मेरी टाँगें पकड़ कर दबाने लगा। कुछ देर के बाद मैं संभली और फिर हमने बाथरूम में जाकर एक दूसरे को साफ़ किया तथा बेड पर आकर लेट गए !

कमल ने मेरे बदन को अपने साथ चिपका कर पूछा कि मुझे क्या हो गया था, तब मैंने बताया कि मुझे अब तक की सबसे बढ़िया खिंचावट हुई है, कल रात से भी ज्यादा, बहुत ज्यादा !

इसके बाद कमल मुझसे लिपट गया और हम नींद के आगोश में खो गए।

इसके बाद रात बारह बजे और सुबह पांच बजे हमारी नींद खुली तो हमने दोनों बार भी चुदाई की! यही सिलसिला शुक्रवार सुबह तक भी चलता रहा! उन चार रातों में मैंने और कमल ने तेरह बार चुदाई की थी।

उसके बाद जब जब कमल भोपाल आया तब तब हमने मौका देख कर चुदाई की!

आज सुबह कमल तीन दिनों के लिए भोपाल में ट्रेनिंग पर आया हुआ है और अभी ऑफिस गया हुआ है, सौभाग्य से मेरे पति भी इन दिनों बाहर गए हुए हैं, इसलिए हमें अगले तीन रातों को बिना डर के खुल के चुदाई कर सकते हैं।

अब तो मैं आने वाली तीन रातों में कम से कम नौ बार तो ज़रूर चुदवाऊँगी और इसी की तैयारी भी कर रही हूँ!

मित्रों अभी के लिए अलविदा, फिर मिलेंगे…
तब तक आप मुझे अपनी प्रतिक्रिया मेरी मेल आईडी xxurmi@gmail.com पर ज़रूर भेजें।

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